युजवेंद्र चहल के सब्र का बांध टूटा, बताया अपने जीवन का सबसे बड़ा डर

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 11:06 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 24 फरवरी को पहला टी-20 मैच विशाखापट्नम में खेला जाएगा। दोनों टीमों के बीच 2 मैच की टी-20 और 5 मैचों की वनडे सीरीज खेली जानी है। वर्ल्ड कप से पहले दोनों देशों के बीच यह आखिरी सीरीज है। ऐसे में इस सीरीज को वर्ल्ड कप की तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने कहा कि 'ईमानदारी से कहूं तो मैं आज भी जब मैं मैदान पर उतरता हूं तो मैं बहुत ज्याद नर्वस और डर महसूस करता हूं।'

युजवेंद्र चहल कब होते है नर्वस 

साल 2016 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने के बाद से टीम इंडिया में दमदार प्रदर्शन किया।विश्व कप खेलने के करीब पहुंच रहे चहल ने एक वेबसाइट से बातचीत के दौरान कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं आज भी जब मैं मैदान पर उतरता हूं तो नर्वस महसूस करता हूं लेकिन एक बार जब मैच शुरू हो जाता है तो मैं थोड़ा सेट हो जाता हूं और भीड़ धुंधली हो जाती है। शायद यही परिपक्वता है।'

युजवेंद्र चहल दबाव को कैसे झेलते है

चहल ने आगे कहा, 'खेल खेल कर परिपक्वता आई है। जब कप्तान आपके ऊपर इतना भरोसा दिखाता है तो अच्छा लगता है। टीम के मुख्य खिलाड़ियों का हिस्सा बनना अच्छा लगता है। इसके साथ दबाव भी आता है लेकिन जिस तरह से आप दबाव को झेलते हैं वो भी आपके आगे बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है।'

neel