मैदान पर भयभीत करने वाले माराडोना दिल से ‘खरा सोना’ थे : स्टिमक

punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 04:33 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने कहा कि डिएगो माराडोना मैदान पर फुटबॉल से अपना जादू बिखेरते हुए हमेशा भयभीत करने वाले दिखते थे लेकिन दिल से वह ‘खरा सोना’ थे।

माराडोना का बुधवार को 60 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। स्टिमक ने कहा कि वह हमेशा ही इस अर्जेंटीनाई जादूगर के जादू से हैरान रहते थे जिनके खिलाफ उन्हें अपने करियर में दो बार खेलने का मौका मिला।

स्टिमक ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट पर लिखा, ‘‘डिएगो माराडोना - ‘फुटबॉल के बादशाह’, महान। कोई भी उन्हें महज एक शब्द में कैसे बयां कर सकता है? मैं अब भी इस जादूगर से विस्मित हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके संतुलन और फुर्ती से हर डिफेंडर भयभीत रहता था। जब वह फुटबॉल के साथ भाग रहे होते थे तो आप उन्हें गिरा नहीं सकते थे। उनके बिना देखे पास देना भयभीत करने वाला होता था। ’’
क्रोएशिया की विश्व कप टीम के सेंट्रल डिफेंडर स्टिमक दो बार माराडोना के खिलाफ खेले थे। एक बार 1992-93 ला लीगा मैच में और 1994 में अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच में, दोनों ही मैच गोल रहित ड्रा रहे थे।

लेकिन वह अर्जेंटीना के इस महान खिलाड़ी से कई मौकों पर मिल चुके थे जिसमें जगरेब में 2016 डेविस कप फाइनल भी था और इसमें अर्जेंटीना और क्रोएशिया की टीम आमने सामने थीं।

स्टिमक ने कहा, ‘‘उनका दिल खरा सोने का था। वह खुद को व्यक्त करने में दो बार सोचते नहीं थे। वह कभी नहीं सोचते थे कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। वह अपनी शर्तों पर जीवन जीते थे और अपनी ही शर्तों पर हमें छोड़कर चले गये। ’’
स्टिमक ने कहा कि जब अर्जेंटीना ने क्रोएशिया को हराकर डेविस कप ट्राफी उठायी तो वह ‘बच्चे की तरह कूद’ रहे थे।

वह 1998 विश्व कप में कांस्य पदक जीतने वाली क्रोएशियाई टीम के सदस्य थे, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बिलकुल नहीं पता था कि यह हमारी अंतिम मुलाकात होने वाली थी। हम प्रतिद्वंद्वी टीमों की हौसलाअफजाई कर रहे थे लेकिन हमने कई घंटे राजनीति से लेकर फुटबॉल की चर्चा करने में बिताये। ’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Edited By

PTI News Agency