अजीत बजाज के लिए कोई भी पर्वत ‘बहुत ऊंचा’ नहीं
punjabkesari.in Sunday, Jul 03, 2022 - 08:36 PM (IST)
नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) इंसानों का फैलाया हुआ कचरा दुनिया के शीर्ष पर्वत माउंट एवरेस्ट पर भी पहुंच गया है और इसे साफ करने के लिए पर्वतारोही अजीत बजाज ने अमेरिकी सरकार की योजना से सीख लेने का सुझाव दिया है।
ध्रुवीय त्रयी को पूरा करने वाले पहले भारतीय अजीत बजाज ने कहा कि माउंट एवरेस्ट इंसानों के टेंट और कचरे से पूरी तरह से भर गया है। ध्रुवीय त्रयी में एक पर्वतारोही उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव और ग्रीनलैंड के आईसकैप में स्कीइंग करता है।
उन्होंने एवरेस्ट को साफ करने के लिए अमेरिकी सरकार की पहल से सबक लेने का सुझाव दिया।
अजीत ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘माउंट डेनाली (अमेरिका) के अपने अभियान के दौरान, मैं यह देखकर आश्चर्यचकित था कि अमेरिका की सरकार के पास ‘क्लीन क्लाइंबिंग’ नाम की योजना है। इस योजना के तहत एक पर्वतारोही को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपना शिखर पूरा करने से पहले अपने सभी कचरे को इकट्ठा करे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब माउंट एवरेस्ट की बात आती है तो पूरी तरह से अलग तस्वीर देखने को मिलती है । यहां सबसे बड़ी समस्या मानव निर्मित कचरा है। नेपाल सरकार हर साल कई टन कचरे को साफ करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि मानसिकता पर्यावरण की देखभाल में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। चाहे वह माउंट डेनाली हो या माउंट एवरेस्ट, हमें पर्वतों को कचरा मुक्त बनाना चाहिए।’’
अजीत और उनकी बेटी दीया बजाज ‘एक्सप्लोरर ग्रैंड स्लैम’ को पूरा करने वाले पहले पिता-पुत्री की जोड़ी बन गये। उन्होंने सात महाद्वीपों के सात सबसे ऊंचे पर्वतों को फतह किया है।
पिता-पुत्री की जोड़ी ने अब तक एशिया में माउंट एवरेस्ट, दक्षिण अमेरिका में माउंट एकॉनकागुआ, उत्तरी अमेरिका में माउंट डेनाली, अफ्रीका में किलिमंजारो, यूरोप में माउंट एल्ब्रस, अंटार्कटिका में माउंट विंसन और ऑस्ट्रेलिया में माउंट कोसियस्जको को फतह किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
ध्रुवीय त्रयी को पूरा करने वाले पहले भारतीय अजीत बजाज ने कहा कि माउंट एवरेस्ट इंसानों के टेंट और कचरे से पूरी तरह से भर गया है। ध्रुवीय त्रयी में एक पर्वतारोही उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव और ग्रीनलैंड के आईसकैप में स्कीइंग करता है।
उन्होंने एवरेस्ट को साफ करने के लिए अमेरिकी सरकार की पहल से सबक लेने का सुझाव दिया।
अजीत ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘माउंट डेनाली (अमेरिका) के अपने अभियान के दौरान, मैं यह देखकर आश्चर्यचकित था कि अमेरिका की सरकार के पास ‘क्लीन क्लाइंबिंग’ नाम की योजना है। इस योजना के तहत एक पर्वतारोही को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपना शिखर पूरा करने से पहले अपने सभी कचरे को इकट्ठा करे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब माउंट एवरेस्ट की बात आती है तो पूरी तरह से अलग तस्वीर देखने को मिलती है । यहां सबसे बड़ी समस्या मानव निर्मित कचरा है। नेपाल सरकार हर साल कई टन कचरे को साफ करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि मानसिकता पर्यावरण की देखभाल में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। चाहे वह माउंट डेनाली हो या माउंट एवरेस्ट, हमें पर्वतों को कचरा मुक्त बनाना चाहिए।’’
अजीत और उनकी बेटी दीया बजाज ‘एक्सप्लोरर ग्रैंड स्लैम’ को पूरा करने वाले पहले पिता-पुत्री की जोड़ी बन गये। उन्होंने सात महाद्वीपों के सात सबसे ऊंचे पर्वतों को फतह किया है।
पिता-पुत्री की जोड़ी ने अब तक एशिया में माउंट एवरेस्ट, दक्षिण अमेरिका में माउंट एकॉनकागुआ, उत्तरी अमेरिका में माउंट डेनाली, अफ्रीका में किलिमंजारो, यूरोप में माउंट एल्ब्रस, अंटार्कटिका में माउंट विंसन और ऑस्ट्रेलिया में माउंट कोसियस्जको को फतह किया है।
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