उच्चतम न्यायालय का यथास्थिति बनाये रखने का आदेश, सीओए नहीं संभालेंगे आईओए का कामकाज

punjabkesari.in Thursday, Aug 18, 2022 - 07:19 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को गुरुवार को अंतरिम राहत देते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की तीन सदस्यीय समिति (सीओए) देश की सर्वोच्च खेल संस्था का कामकाज नहीं संभालेगी।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और सी टी रविकुमार की पीठ ने केंद्र और आईओए की तरफ से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि विश्व खेल संस्थाएं सीओए जैसे निकाय को मान्यता नहीं देती और इसके परिणाम स्वरूप भारत को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका जा सकता है।

मेहता ने कहा ,‘‘ भारतीय ओलंपिक संघ अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ईकाई है जिसके अपने नियम है । उसके अनुसार आईओए जैसी राष्ट्रीय ईकाई का प्रतिनिधित्व अगर गैर निर्वाचित ईकाई करती है तो उसे तीसरे पक्ष का दखल माना जायेगा।’’
मेहता ने कहा कि हर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्था के नियम मानने हैं और सीओए के कार्यभार संभालने के बाद ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं से भारत के निलंबन की आशंका 99 प्रतिशत हो गई है ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पीठ की तीसरी सदस्य हिमा कोहली इस मामले की सुनवाई का हिस्सा नहीं बनना चाहती । इस पर मेहता ने कहा कि अंतरिम राहत पीठ के दो न्यायाधीश भी दे सकते हैं ।
पीठ ने अपने आदेश में कहा ,‘‘ याचिकाकर्ता (आईओए) और सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि उच्च न्यायालय के मौजूदा फैसले से यह आशंका है कि भारत ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग नहीं ले सके । ऐसे में हम सभी पक्षों को यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश देते हैं । यह साफ कर दिया गया है कि सीओए को कार्यभार नहीं दिया जाये । मामले की सुनवाई 22 अगस्त को अन्य पीठ करेगी।’’

शीर्ष अदालत ने विधि अधिकारी की इस दलील पर भी गौर किया कि इस आदेश का देश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके बाद न्यायालय ने आईओए के मामलों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत प्रदान की।


उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद अब दिल्ली उच्च न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों की समिति आईओए का कामकाज नहीं संभाल पाएगी। प्रशासकों की समिति में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप को रखा गया था।


इससे पहले उच्चतम न्यायालय आईओए की अपील पर दिन में ही सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) भारतीय संघ को निलंबित कर सकती है जैसा कि हाल में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के मामले में हुआ था।


दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 अगस्त को आईओए के कार्यों के संचालन के लिए तीन सदस्यीय सीओए के गठन का आदेश दिया था।


उच्च न्यायालय ने कहा था कि आईओए खेल संहिता का पालन करने के प्रति लगातार अनिच्छा दिखा रहा है जिससे कि उसके कामकाज को सीओए को सौंपना अनिवार्य हो गया है।



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PTI News Agency

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