गौतम गंभीर ने गिनाए दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी छोडऩे के 4 कारण
punjabkesari.in Wednesday, Apr 25, 2018 - 04:52 PM (IST)
जालन्धर : आखिरकार दिल्ली को आईपीएल खिताब दिलाने की जिद्द लेकर घर लौटे गौतम गंभीर को पांच हारों के बाद कड़ा डिसीजन लेना पड़ गया है। आईपीएल में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए गंभीर ने दिल्ली की कप्तानी छोड़ दी है। टीम कोच व नए कप्तान श्रेयस ईय्यर ने प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बातों में वो 5 कारण गिनाए जिनके कारण उन्होंने दिल्ली की कप्तानी छोडऩे का फैसला लिया।
यंग टैलेंट को मौका देना चाहता हूं
गंभीर ने कहा कि खिलाड़ी जब तक फिट रहता है तब तक उम्र का शरीर पर कोई फक्र नहीं पड़ता। हालांकि इसे भी झुठलाया नहीं जा सकता कि उम्र बढऩे से शरीर की शक्ति भी कम होती है। कई बार आपको बड़ी जिम्मेदारी निभाने के लिए युवा होना बहुत जरूरी होता है तो कई बार आपको यंग टैलेंट को मौका देेने के लिए पीछे हटना पड़ता है, मैं ठीक परफॉर्म नहीं कर पा रहा था। ऐसे मेें मैंने सोचा, यही सही समय है- यंग टैलेंट को मौका दिया जाए।
कप्तानी के बगैर बढिय़ा खेल पाऊंगा
आईपीएल ऑक्शन से काफी देर पहले ही गंभीर ने कह दिया था कि उनका सपना दिल्ली की तरफ से खेलकर अपने क्रिकेट करियर के अंत करने का है। गंभीर ने कहा कि मेरी उम्र बढ़ रही है, ऐसे में मुझे पता है कि कुछेक साल ही मैं क्रिकेट खेल पाऊंगा। ऐसे में मैं उसी टीम के साथ खेलना चाहता हूं जिसके साथ मैंने आईपीएल में शुरुआत की थी। गंभीर ने बीते दिनों एक बयान भी जारी किया था कि वह आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स को खिताब दिलाने के लिए आए हैं। लेकिन टीम की पांच हार से जाहिर हो गया कि कप्तानी के साथ अपना करियर आगे बढ़ाना मुश्किल है। मुझे लगता है कि अब कप्तानी के बगैर मैं अपनी टीम के लिए अच्छा खेल पाउंगा।
आईपीएल-11 में परफार्मेंस नहीं दे पा रहा
गंभीर आईपीएल के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं। उनके नाम पर 154 मैच में 4217 रन दर्ज है। आईपीएल में सबसे ज्यादा पचासे लगाने के मामले में भी वह हैदराबाद के डेविड वार्नर (36) की बराबरी पर है। इसके अलावा आईपीएल में सबसे ज्यादा चौके लगाने का रिकॉर्ड भी गंभीर के नाम पर है। अपनी कप्तानी में गंभीर कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार खिताब भी दिलवा चुके हैं। लेकिन मौजूदा आईपीएल-11 में उनका बल्ला खामोश हो गया है। गंभीर ने कहा कि इस बार मैं रन नहीं बना पा रहा हूं। पिछले पांच मैच जो खेले हैं उसमें मेरे बल्ले से सिर्फ 88 रन ही आए। मैं मानता हूं कि जब को टीम में अहम क्रम दिया जाता है तो आपको उसपर पूरा भी उतरना होता है। अब कोशिश रहेगी कि बढिय़ा खेल दिखाकर दिल्ली को पॉइंट टेबल में ऊपर तक ले जा सकूं।
बीवी से पूछा- कप्तानी छोड़ दूं, उसने कहा- जो आपको ठीक लगे
गंभीर ने कहा- यह मेरा निर्णय है, मैं टीम में ज्यादा योगदान नहीं दे पर रहा था। मुझे जिम्मेदारी लेनी थी और मुझे लगा कि ये सही समय है। अभी भी मुझे विश्वास है कि हमारे पास अच्छी टीम है जो किसी भी टीम को हरा सकती हैै। हर टीम की तरह हमने भी कुछ बदलाव करने की कोशिश की है। उम्मीद है हम इसमें कामयाब होंगे। यह डिसिजन मुश्किल जरूर था, इसके बारे में जब मैंने अपनी बीवी से भी बात कि तो उन्होंने कहा कि अगर आपको लगता है कि आपके कप्तानी छोडऩे से कुछ अच्छा होने जा रहा है तो आपको वहीं करना चाहिए।