कोच के कोविड-19 पॉजिटिव की ‘गलत रिपोर्ट’ से कम्पाउंड तीरंदाजों को विश्व कप से हटना पड़ा

punjabkesari.in Saturday, Apr 17, 2021 - 10:33 PM (IST)

कोलकाता, 17 अप्रैल (भाषा) भारत की कम्पाउंड तीरंदाजी टीम को कोच के कोराना वायरस की ‘गलत पॉजिटिव रिपोर्ट’ के कारण ग्वाटेमाला सिटी में होने वाले विश्व कप चरण एक से हटना पड़ा।

इससे पहले टीम के सदस्यों दिल्ली हवाईअड्डे तक की यात्रा के दौरान शुक्रवार को बीती रात करनाल बाईपास के पास रोक दिया गया था।
सोनीपत के कम्पाउंड तीरंदाजों को 19 से 25 अप्रैल तक आयोजित होने वाले विश्व कप चरण एक में हिस्सा लेने के लिये दिल्ली हवाईअड्डे से सुबह दो बजकर 50 बजे एम्सटरडम की फ्लाइट पकड़ने के लिये ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुकी रिकर्व टीम से जुड़ना था। ये एम्सटरडम के जरिये ग्वाटेमाला सिटी पहुंचते।

लेकिन कम्पाउंड टीम के कोच गौरव शर्मा के गुरूवार को सोनीपत के साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) केंद्र में कोविड-19 पॉजिटिव आने की बात सुनने के बाद भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) ने उन्हें रिकर्व टीम के साथ जुड़ने की अनुमति नहीं दी।

शनिवार को शर्मा की फिर से जांच की गयी लेकिन वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिले। लेकिन उनके पॉजिटिव आने की खबर से कंपाउंड तीरंदाजों को टूर्नामेंट से हटा दिया गया है जो मार्च 2020 में महामारी से सभी प्रतियोगिताओं के रूकने के बाद पहली प्रतियोगिता है।

एएआई महासचिव प्रमोद चंदूरकर ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम अपने रिकर्व तीरंदाजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें 100 दिन में ओलंपिक में खेलना है। एसओपी के अनुसार हमें कम्पाउंड तीरंदाजों को अलग करना पड़ा जो पॉजिटिव आये कोच से सीधे संपर्क में थे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों टीमों को एक साथ यात्रा करनी थी और हम एक प्रतिशत भी चूक नहीं करना चाहते थे। अमेरिकी दिशानिर्देश काफी सख्त हैं और अगर कुछ हो जाता तो पूरे दल को खामियाजा भुगतना पड़ता जिससे रिकर्व तीरंदाजों की ओलंपिक तैयारियां खतरे में पड़ जातीं। हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे। ’’

शर्मा ने कहा कि उन्होंने शनिवार को पटियाला की एक निजी लैब में एक और जांच करायी जिसमें उनका नतीजा नेगेटिव आया।

शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे कभी कोई लक्षण नहीं था और एक दर्जन से अधिक बार परीक्षण किया जा चुका है लेकिन यह नहीं पता कि यह ‘गलत पॉजिटिव’ कैसे आया।’’
हालांकि कम्पाउंड टीम के एक अधिकारी ने इस अनुभव को बताते हुए कहा कि वे फैसले के इंतजार में शुक्रवार शाम को दो घंटे से ज्यादा समय तक करनाल बाईपास पर फंसे रहे।

बस में आठ सदस्यीय कम्पाउंड टीम थी जिसमें अभिषेक वर्मा, रजत चौहान, वी ज्योति सुरेखा और तीन जूनियर प्रगति, अक्षिता और सांची ढल्ला शामिल थीं।

अधिकारी ने दावा किया, ‘‘यह शाम को करीब सात बजे हुआ जब हम दिल्ली सीमा के करीब थे, उन्होंने हमें यात्रा करने से रोक दिया और आदेश का इंतजार करने को कहा। ’’
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने तुरंत ही कोच (गौरव शर्मा) को पृथकवास में भेज दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन रिकर्व तीरंदाजों ने जूम कॉल पर महासंघ पर दबाव डाला और धमकी दी कि अगर कम्पाउंड तीरंदाज उनके साथ हवाईअड्डे पर पहुंचते हैं तो वे फ्लाइट में नहीं चढ़ेंगे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुणे में टीके की दो खुराक लेने के बावजूद रिकर्व तीरंदाज वायरस से संक्रमण को लेकर डरे हुए थे। इससे टीम में एकता का अभाव भी दिखता है।’’


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PTI News Agency

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