विश्व कलात्मक जिम्नास्टिक्स चैम्पियनशिप में भारतीयों के लिए कड़ी चुनौती

punjabkesari.in Thursday, Oct 03, 2019 - 12:42 PM (IST)

 

स्टुटगार्ट (जर्मनी) : चोटिल दीपा करमाकर की अनुपस्थिति में भारतीय जिम्नास्टों को शुक्रवार से यहां शुरू हो रही विश्व कलात्मक जिम्नास्टिक्स चैम्पियनशिप में कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। भारतीयों को हालांकि पदक की उम्मीद नहीं होगी लेकिन वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट दीपा रियो ओलंपिक के वाल्ट फाइनल्स में चौथे स्थान पर रही थीं। लेकिन देश की शीर्ष जिम्नास्ट घुटने की चोट से उबरने में असफल होने के कारण इसमें भाग नहीं ले पाएंगी।

दीपा की अनुपस्थिति में महिला वर्ग में प्रभावित करने की जिम्मेदारी प्रणति नायक, प्रणति दास और अरूणा बुड्डा रेड्डी पर होगी जिन्हें पिछले महीने छह सदस्यीय भारतीय टीम में चुना गया। प्रणति नायक ने इस साल के शुरू में मंगोलिया में सीनियर एशियाई कलात्मक जिम्नास्टिक्स चैम्पियनशिप की वॉल्ट स्पर्धा में कांस्य पदक और अरूणा ने 2018 जिम्नास्टिक विश्व कप में कांस्य पदक जीता था। लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में कड़ी प्रतिद्वंद्विता होती है जिसमें भारतीय जिम्नास्टों के लिये बीते समय में फाइनल में पहुंचना मुश्किल रहा है। पुरूष वर्ग में सभी का ध्यान 2010 एशियाई खेलों के कांस्य पदकधरी आशीष कुमार के प्रदर्शन पर लगा होगा जबकि टीम में योगेश्वर सिंह और आदित्य सिंह राणा भी मौजूद हैं।

विश्व चैम्पियनशिप में ओलंपिक कोटे भी दांव पर लगे होंगे जिसमें प्रत्येक वर्ग (2018 से पहले ही क्वालीफाई करने वाले तीन वर्गों को छोड़कर) में शीर्ष नौ टीमें तोक्यो खेलों के लिये क्वालीफाई करेंगी। व्यक्तिगत ओलंपिक स्थान भी दांव पर लगे होंगे जिसमें शीर्ष 12 पुरूष और 20 महिला जिम्नास्ट तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करेंगे। इनका फैसला सभी प्रतियोगिताओं में रैंकिंग के आधार पर होगा। साथ ही प्रत्येक उपकरण फाइनल से शीर्ष तीन जिम्नास्ट (क्वालीफाई करने वाली टीमों को छोड़कर) भी ओलंपिक टिकट कटायेंगे। भारतीयों में आशीष, प्रणति नायक और अरूणा ने बीते समय में अच्छा प्रदर्शन किया है और उनसे कम से कम फाइनल में पहुंचने की उम्मीद होगी।

दीपा 2015 विश्व चैम्पियनशिप की वॉल्ट स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रही थीं और भारत का यह इस चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है जिसे देखते हुए शीर्ष तीन में पहुंचने की उम्मीद नहीं की जा सकती। टूर्नामेंट की पूर्व संध्या पर भारतीय जिम्नास्टिक्स महासंघ के उपाध्यक्ष और भारतीय दल के प्रमुख रियाज भाटी ने कहा, ‘‘ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले जिम्नास्टों को ट्रेनिंग के लिये मैं 20 लाख रूपये तक के सहयोग का भरोसा देता हूं।' 


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Sanjeev

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