घुटने में चोट के कारण बजरंग पूनिया विश्व चैंपियनशिप से बाहर

punjabkesari.in Monday, Aug 23, 2021 - 09:15 PM (IST)

नई दिल्ली : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया आगामी कुश्ती विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि टोक्यो खेलों से पहले दायें घुटने में लगी चोट (लिगामेंट टियर) के उपचार के लिए उन्हें छह हफ्ते के रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई है। विश्व चैंपियनशिप का आयोजन नॉर्वे के ओस्लो में दो से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा और रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम पूरा होने तक बजरंग ट्रेनिंग शुरू नहीं कर पाएंगे। ओलंपिक से पहले जून में रूस में लगी चोट की गंभीरता को जानने के लिए हाल में बजरंग ने एमआरआई कराया था और मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के खेल मेडिसिन केंद्र के प्रमुख डॉ. दिनशॉ परदीवाला से सलाह ली थी।

बजरंग ने बताया कि लिगामेंट में चोट है और डॉ. दिनशॉ ने मुझे छह हफ्ते के रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम से गुजरने को कहा है। मैं विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा। बाकी बचे साल में और कोई रैंकिंग प्रतियोगिता नहीं है और बजरंग ने कहा कि उनका सत्र खत्म हो गया है। इस साल कैलेंडर में विश्व चैंपियनशिप एकमात्र बड़ी प्रतियोगिता बची है। मैं इस साल किसी और टूर्नामेंट में खुद को हिस्सा लेते हुए नहीं देखता। क्यो खेलों से पहले जून में रूस में अली अलियेव टूर्नामेंट में खेलते हुए बजरंग को चोट लगी थी। बजरंग उस टूर्नामेंट में अब्दुलमजीद कुदियेव के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के बीच से हट गए थे जब विरोधी खिलाड़ी ने मुकाबले के पहले पीरियड में उनके दायें पैर को पकड़कर खींच लिया था। पैर खींचे जाने से बजरंग के दायें घुटने पर असर पड़ा और वह लड़खड़ाते हुए तुरंत मुकाबले से हट गए। उन्होंने हालांकि ओलंपिक में हिस्सा लिया और 65 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता।

बजरंग ने कहा कि यह मेरा पहला ओलंपिक था और मैंने ओलंपिक पदक जीतने का सपना देखा था, टोक्यो में मैं दर्द के बावजूद खेला। मुझे ऐसा करना ही था। वह जॉर्जिया के अपने कोच शाको बेनटिनिडिस के साथ ट्रेनिंग जारी रखना चाहते हैं। बेनटिनिडिस स्वदेश लौट चुके हैं क्योंकि भारतीय कुश्ती महासंघ ने अब तक उन्हें नया अनुबंध नहीं दिया है। कुश्ती महासंघ विदेशी कोचों को नए अनुबंध देने पर फैसला करने से पहले सभी पहलवानों के साथ बैठक करके उनका पक्ष जानेगा। बजरंग बेनटिनिडिस के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करते थे जबकि ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया के निजी कोच रूस के कमाल मालिकोव थे। 

दीपक पूनिया के कोच रूस के मुराद गेदारोव थे जिन्हें कांस्य पदक के प्ले हाफ में रैफरी से मारपीट के कारण टोक्यो से बाहर कर दिया गया था। दीपक कांस्य पदक के मुकाबले में सेन मरिनो के माइल्स नाजिम एमिन से हार गए थे। डब्ल्यूएफआई ने इसके बाद गेदारोव का अनुबंध रद्द कर दिया था। डब्ल्यूएफआई के सूत्रों ने बताया कि रवि के कोच मालिकोव को नया अनुबंध मिलना लगभग तय है और बजरंग अगर बेनटिनिडिस के साथ ट्रेनिंग जारी रखना चाहते हैं तो उनसे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होने के बावजूद महासंघ भारतीय पहलवान के आग्रह पर विचार कर सकता है।  


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Content Writer

Raj chaurasiya

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