ऋषभ पंत को लेकर बैटिंग कोच कोटक का खुलासा, शानदार बल्लेबाजी का राज खोला

punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 11:18 AM (IST)

लंदन : सिडनी में 2020-21 बॉडर्र-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अंतिम दिन उस समय सब चौंक गए जब ऋषभ पंत कप्तान अजिंक्य रहाणे का विकेट गिरने के तुरंत बाद दिन के दूसरे ही ओवर में बल्लेबाजी करने आ गए। पंत ने मैच ड्रॉ कराने की कोशिश में धमाकेदार अंदाज दिखाया और सिर्फ एक सेशन में 73 रन बना डाले। 

वह 117 गेंदों पर 97 रन पर थे, जब नाथन लायन ने 80वां ओवर शुरू किया। उस समय उनके साथ क्रीज पर मौजूद चेतेश्वर पुजारा ने उन्हें याद दिलाया कि अब नई गेंद का असर अहम होने वाला है, इसलिए थोड़ा संभलकर खेलना चाहिए। 80वें ओवर की पहली ही गेंद पर पंत ट्रैक पर आगे बढ़े और मोटे बाहरी किनारे से कैच हो गए। आउट होने के बाद वह टूट चुके थे। ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें मैदान से बाहर ले जाने के लिए क्रेन मंगानी पड़ेगी। उन्हें पुजारा पर भी गुस्सा था क्योंकि उन्हें लग रहा था कि पुजारा की उस एक चेतावनी ने उनके मन में संदेह भर दिया, जिसके कारण वह गलती कर बैठे। 

लॉर्ड्स टेस्ट से दो दिन पहले भारत के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने पंत के इसी पक्ष के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि वह बैटिंग को लेकर कितने सोच-विचार करने वाले खिलाड़ी हैं। जब कोटक से पूछा गया कि पंत से बात न करना कितना जरूरी होता है, तो उन्होंने कहा, ‘ऋषभ दरअसल बहुत बात करता है। क्या कर रहा है, कब कर रहा है, क्यों कर रहा है, वह इन सब चीजों पर बात करते हैं।' 

कोटक ने बताया, ‘मेरे साथ तो वह खुलकर बात करता है, लेकिन जब वह क्रीज पर होता है, तो बहुत ज्यादा बातचीत पसंद नहीं करता। उसे लगता है कि इससे उसका माइंडसेट बदल जाता है और वह गलत फैसला ले बैठता है। ये बात सिर्फ उसकी बल्लेबाजी के दौरान लागू होती है। इसके अलावा वह खुद के बारे में भी सोचता है, दूसरों की बल्लेबाजी पर भी बात करता है, और वह अच्छी-खासी योजना बनाता है कि उसे क्या करना है, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में सेंचुरी बनाना या इस स्तर पर सफल होना इतना आसान नहीं होता। बिना प्लानिंग के तो बिल्कुल नहीं।' 

कोटक ने कहा कि पंत के हर शॉट और मूव को भले ही बाहर से देखकर आप अनियोजित मानें, लेकिन हर फैसले के पीछे सोच और रणनीति होती है। वह पंत जैसे अनोखे खिलाड़ी को टीम में पाकर बेहद खुश हैं। हालांकि कोटक का जोर इस बात पर रहा कि हाल के वर्षों में बेहद चुनौतीपूर्ण गेंदबाजी वाली पिचों पर खेलने की आदत के चलते खिलाड़ियों को रन बनाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। 

कोटक ने कहा, ‘अगर कोई बल्लेबाज यह सोचता है कि पिच पर बहुत मूवमेंट है, और अगर जरा भी मौका मिला तो बाउंड्री मार दूं क्योंकि अगली गेंद बहुत अच्छी हो सकती है, तो यह टेस्ट क्रिकेट के लिए गलत माइंडसेट है। वैसे भी, सफेद गेंद (व्हाइट-बॉल) क्रिकेट ने इन खिलाड़ियों में इतनी स्किल भर दी है कि वे किसी भी स्लॉट बॉल को चौका या सिक्सर में बदल सकते हैं। उन्हें सोचने की जरूरत नहीं है कि अब मुझे बाउंड्री मारनी ही है।' 

कोटक ने साफ किया कि यह कोई हेडिंग्ले टेस्ट की हार के बाद दी गई खास सलाह नहीं थी, बल्कि उनकी सीरीज शुरू होने से पहले से ही यही सोच रही है। कोटक ने कहा, ‘हमने दोनों मैचों में अच्छी बल्लेबाजी की है। मुझे लगता है कि हमारे बल्लेबाज इतने स्किलफुल हैं कि बिना ज्यादा कोशिश किए भी चार रन प्रति ओवर की रफ्तार से बना सकते हैं। इससे ज्यादा आक्रामक बल्लेबाजी और क्या होगी? हम 90 ओवर में 360 रन बना रहे हैं।' 


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Content Writer

Sanjeev

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