MS Dhoni Birthday : बड़े दिल वाला धोनी, अपने पहले स्पांसर को माही ने ऐसे दिया था सरप्राइज
punjabkesari.in Thursday, Jul 06, 2023 - 11:32 PM (IST)
जालन्धर (जसमीत) : टीम इंडिया को 2007 का टी-20 और 2011 का विश्व कप दिलाने वाले महेंद्र सिंह धोनी अपने बड़े दिल के लिए भी जाने जाते हैं। धोनी जब झारखंड के छोटे-छोटे मैदानों पर बड़े-बड़े स्कोर बनाते थे तो उन्हें सिर्फ एक बात की कमी खलती थी। वह थी किसी स्पांसर का ना होना। साधरण बल्लों से खेलते धोनी के लिए उनका दोस्त परमजीत सिंह काफी काम आए।
परमजीत जोकि स्पोर्ट्स की एक दुकान चलाते थे, ने धोनी को पहला किट बैग स्पांसर दिलाने में मदद की थी। धोनी को यह मदद ऐसे समय मिली जब वह पूरा उत्साहित होकर अपने क्रिकेट करियर को आगे बढ़ा रहे थे। धोनी कई साल बाद भी अपने क्रिकेट जीवन के उस पहले स्पांसर को नहीं भूले। 2019 के विश्व कप के दौरान धोनी ने अपने उसी पहले स्पांसर को बड़ा सरप्राइज दिया और उसके बल्ले से बिना पैसे लिए खेले।
सोमनाथ कोहली ने युवा धोनी को किट स्पांसर करने के वाक्ये को याद करते हुए कहा- उस वक्त मुझे पता नहीं था कि धोनी कैसा खेलता था। हमारा काम था कि हम मैदान पर जाकर देखते थे कि किस क्रिकेटर की तक्नीक कैसे है और वह कितने रन बनाता आ रहा है। धोनी को स्पांसरशिप देने की रट हमारे एक ग्राहक परमजीत ने लगाई थी। वह फोन कर तो कभी हमारे बीट्स ऑल स्पोटर््स (बास) के जालन्धर ऑफिस में आकर धोनी की तारीफें करता था।
सोमनाथ कोहली ने बताया- परमजीत धोनी की बैटिंग को लेकर काफी क्रेजी था। धोनी जब भी कभी स्कूल, डिस्ट्रिक स्तर पर बड़ा स्कोर बनाता, परमजीत उन्हें फोन कर बताता कि आज धोनी ने इतने रन बनाए हैं। फिर एक दिन परमजीत दोबारा हमारी कंपनी में आया। बोला- आप धोनी को स्पांसर करें यह लड़का जरूर आगे जाएगा। परमजीत की बार-बार रट से मैं झल्ला गया था। मैंने उसे कहा- लड़का तो वहां (रांची) है, आप उसके पीछे इतना क्यों घूम रहे हो?
इसपर परमजीत बोले- हम सभी का सपना होता है कि हम अपनी गेम में आगे बढ़े। लेकिन गेम में आगे वहीं बढ़ता है जिसके पास टैलेंट हो। हम भी आगे बढऩा चाहते थे। हमारे पास जज्बा था लेकिन टैलेंट नहीं। अब यह टैलेंट हम माही में देख रहे हैं। हमें इस बात की तसल्ली तो होगी कि हम सफल न हुए तो हुए माही तो सफल हो जाएगा, क्योंकि उसमें टैलेंट है। सोमनाथ ने कहा- परमजीत की इस बात ने मुझे आवाक कर दिया। मैंने माही के लिए एक किट भेज दी।
युवा क्रिकेटरों का बढ़ाते थे हौसला
युवा क्रिकेटर तरुवर कोहली ने बताया- 2008 में आईपीएल के दौरान चेन्नई और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच था। इसी बीच धोनी पवेलियन में आए यहां काफी सारे यंग क्रिकेटर थे। धोनी ने अपने ग्लव्स टीम के एक विकेटकीपर को दे दिए। उन्होंने मेरी तरफ देखा। बोले- कैसे हो? मेहनत करके खेलना। इसके बाद धोनी चले गए। धोनी के लिए यह नहीं बात थी। वह जब भी कोई नया क्रिकेटर देखते थे तो उन्हें कुछ न कुछ बैट, बॉल, पैड, हेल्मेट या ग्लव्स आदि दे देते थे। दें भी क्यों न, उन्होंने अपने शुरुआती करियर में ऐसी मदद मिलने पर संवरते भविष्यों को देखा है।
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