युवी की बायोपिक से घबराए हरभजन सिंह, बोले- हमने बहुत कांड किए, अगर...
punjabkesari.in Thursday, Sep 05, 2024 - 07:03 PM (IST)
खेल डैस्क : पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह (Harbahjan Singh) अपने 2011 वनडे विश्वकप विजेता साथी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) की बायोपिक में अपना कम से कम रोल चाहते हैं। एक पोडकास्ट में हरभजन ने मजाक करते हुए कहा कि हम जब साथ खेलते रहे तो हमारे बहुत सारे किस्से हुए। हमने कई तरह के कांड किए। मैं नहीं चाहता कि यह दुनिया के सामने आएं। दरअसल, पूर्व क्रिकेटर तरुवर कोहली के साथ पोडकास्ट पर हरभजन से युवराज सिंह की आने वाली बायोपिक पर कमेंट करने को कहा गया था।
हरभजन ने कहा कि आप इस बायोपिक में देखेंगे कि युवराज के खेल के कारण कितने लोगों को प्रेरणा मिली। जिस तरह उन्होंने कैंसर के साथ फाइट की और देश के लिए खेला, मैच विजेता पारियां खेलीं, ज्यादातर नहीं कर पाते। हरभजन बोले- मैं उम्मीद करता हूं कि उक्त बायोपिक में मेरा रोल कम होगा। हरभजन ने मजाकिया लहजे में कहा कि हमने अपनी क्रिकेट जर्नी के दौरान इतनी शरारतें की है कि इतने किस्से हुए हैं, कि एक फिल्म तो इस पर ही बन जाएगी। मैं चाहता हूं कि मेरा इसमें रोल कम ही हो।
हरभजन ने पोडकास्ट के दौरान क्रिकेट के शुरूआती दिनों का भी जिक्र किया जब उन्हें अंग्रेजी भाषा का ज्यादा ज्ञान नहीं था। हरभजन ने किस्सा सुनाते हुए कहा कि हम अंडर 19 विश्व कप के लिए साऊथ अफ्रीका गए थे। वहां एक दिन मैं और सोढ़ी (क्रिकेटर रतिंदर सिंह सोढ़ी) लिफ्ट में थे। तभी एक लेडी अंदर आई। उसने मेरे पटके (दस्तार का एक प्रकार) पर हाथ लगाया और अच्छा कमेंट किया। मैं डर गया क्या जवाब दूं। लिफ्ट रुकी और मैं भाग गया। साथ ही सोढी था जोकि भग गया। मैंने उसे कहा कि कुछ तो जवाब दे। हम दोनों ही डरे हुए थे।
हरभजन ने इस दौरान अंग्रेजी भाषा से होती दिक्कत किस तरह दूर की, पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है। मुझे लगता है कि पुरानी चीजें बेस्ट हैं। आप जितना अकेले बैठकर इसका अभ्यास करेंगे, उतना ही अच्छा होगा। हरभजन ने इस दौरान स्कोई स्पोर्ट्स के लिए कमेंट्री करते की एक सीख भी शेयर की। हरभजन ने कहा कि बहुतेरों को लगता है कि अंग्रेजी में कमेंट्री मुश्किल होती है खास तौर पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में। इंग्लैंड में एक बार नासिर हुसैन के साथ मैं कामेंट्री बॉक्स में था। वह बोलने के बाद माइक नीचे रख देते थे। इस के बाद मैं शुरू हो जाता था।