टी-20 स्पैशलिस्ट थे हार्दिक और बुमराह, हमने टेस्ट क्रिकेट में दिया मौका : प्रसाद

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 06:13 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत की वर्तमान चयनसमिति पर दूरदर्शी नहीं होने के आरोपों पर इस पैनल के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद का कहना है कि अगर ऐसा होता तो जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाते। प्रसाद ने कहा- बुमराह और पंड्या को टी-20 विशेषज्ञ माना जाता था। बुमराह आज आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक टेस्ट गेंदबाज हैं। यदि हम दूरदर्शी नहीं थे तो फिर हार्दिक पंड्या कैसे सभी प्रारूपों में आलराउंडर की भूमिका बखूबी निभाता जबकि पहले उन्हें भी केवल टी-20 खिलाड़ी माना गया था।

चयनसमिति के अध्यक्ष ने इस संबंध में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का भी उदाहरण दिया जिन्हें रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे स्थापित स्पिनरों की मौजूदगी के बावजूद सीमित ओवरों की टीम में रखा गया। प्रसाद ने कहा- इसी समिति ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को आगे बढ़ाया जबकि सीमित ओवरों की टीम में हमारे पास अन्य स्थापित स्पिनर थे।

प्रसाद ने कहा- अगर हम दूरदर्शी नहीं होते तो ऋषभ पंत कैसे इतने कम समय में टेस्ट टीम में जगह बना पाते क्योंकि किसी ने नहीं सोचा था कि उन्हें लंबी अवधि के प्रारूप में जगह मिल पाएगी। हम सभी ने देखा कि उसने इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में विकेट के आगे और विकेट के पीछे अच्छा प्रदर्शन किया। 

प्रसाद से पूछा गया कि क्या धोनी को टीम में रखने के लिए मध्यक्रम के संतुलन से समझौता किया गया, उन्होंने कहा- अगर शुरू में विकेट गंवाने के बाद हम विश्व कप सेमीफाइनल (न्यूजीलैंड के खिलाफ) जीत जाते तो फिर जडेजा और धोनी की पारियों को सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक गिना जाता। उन्होंने कहा- मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि आज तक धोनी सीमित ओवरों में भारत का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर और फिनिशर है। विश्व कप में विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में धोनी टीम के लिए बड़ी ताकत थे। 


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Jasmeet

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