कभी जीते गोल्ड मेडल, आज अनाज मंडी में पल्लेदारी करने को मजबूर हॉकी खिलाड़ी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 03:08 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : देश में खेल का स्तर काफी उंचा हो रहा है और खिलाड़ियों को नौकरियों के साथ ही विशेष सुविधाएं भी मिल रही है। लेकिन कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो इससे वंचित हैं जिसमें पांच स्वर्ण जीत चुके हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी परमजीत सिंह शामिल हैं। वह अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए अनाज मंडी में पल्लेदारी कर रहे हैं। 

पंजाब में जन्मे और यूपी के रहने वाले परमजीत के पिता फरीदकोट के सरकारी बरजिंद्रा कॉलेज में माली के रूप में काम करते थे। फरीदकोट के सरकारी स्कूल में प्राथमिक शिक्षा के साथ ही परमजीत ने हॉकी कोच बलजिंदर सिंह द्वारा कौशल को पहचाने जाने के बाद हॉकी खेलना शुरू किया। धीरे-धीरे परमजीत एक बढ़िया फुल बैक पोजिशन के खिलाड़ी बन गए और एनआईएस पटियाला में एक सीट मिली। 6वीं कक्षा से 12वीं तक की पढ़ाई के साथ उन्होंने जूनियर और सीनियर राष्ट्रीय खेलों में 9 बार चयन हुआ और 5 बार पदक भी जीते। 

उन्होंने बिजली बोर्ड और पंजाब पुलिस की कई प्रतियोगिताओं में अनुबंध के तहत खेलने का मौका तो मिला लेकिन नियमित नहीं गए गए। 2009 में बांग्लादेश में हुए जूनियर एशिया कप में इंडिया टीम में परमजीत का चयन मगर किसी कारण यह टूर्नामेंट रद्द हो गया। इसके बाद उनका हाथ टूटा और 2 साल तक खेल से दूर रहे। इसके बाद सरकार और अन्य से सहायता ना मिलने पर इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी का हौसला टूटा और अपना घर चलाने के लिए खेलों को छोड़ कड़ी मेहनत शुरू कर दी। किराए के मकान में रह रहे परमजीत सरकार से कई बार नौकरी के लिए गुहार लगा चुके हैं ताकि वह अब भी अपनी प्रतिभा दिखा सकें और साथ ही अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा कर सकें। 


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Content Writer

Sanjeev

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