IND vs ENG Test Series : मध्यक्रम में 2 स्थान के लिए 6 बड़े दावेदार
punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 08:10 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत के आगामी इंग्लैंड के टेस्ट दौरे के लिए अगले महीने की शुरूआत में बीसीसीआई की राष्ट्रीय चयन समिति भारत और भारत ए टीम की घोषणा कर सकती है। माना जा रहा है कि बीसीसीआई इस बार मध्यक्रम को मजबूत करना चाहता है इसलिए 2 स्थानों के लिए कम से कम 6 दावेदारों पर विचार कर रहा है। बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 17 सदस्यीय टीम भेजी थी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच के लिए अंतिम टीम 15 या 16 खिलाड़ियों की हो सकती है। इस दौरे के समय भारत की ए टीम भी इंग्लैंड में रहेगी और ऐसे में मुख्य टीम की जरूरत के मुताबिक ए टीम के खिलाड़ी को बुलाया जा सकता है। अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय चयन समिति इस बार घरेलू सत्र में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर भी नजर बनाए हुए हैं। यह दौरा 20 जून से शुरू होगा और अगस्त के पहले सप्ताह में समाप्त होगा। आइए बात करते हैं उन 6 खिलाड़ियों के बारे में जो उन रिक्त दो पदों के लिए सबसे मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
बी साई सुदर्शन : 29 मैचों में 7 शतक लगा चुके
प्रथम श्रेणी के 29 मैचों में 7 शतक लगाने वाले साई सुदर्शन लाल गेंद के क्रिकेट में भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर नजर रखी जानी चाहिए। वह आईपीएल में गुजरात टाइटन्स के लिए पहले ही खुद को साबित हो चुके हैं। चयनकर्ताओं की नजर इस खब्बू बल्लेबाज पर इसलिए भी होगी क्योंकि उनकी तकनीक अच्छी है और चोटिल होने से पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भारत ए के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया था। उनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह पारी का आगाज करने के साथ ही टीम की जरूरत के हिसाब से मध्यक्रम में भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। वे लंबे समय तक खेलने वाले खिलाड़ी हैं और 23 साल की उम्र में वे बड़ी चुनौती के लिए तैयार दिख रहे हैं।
श्रेयस अय्यर : मजबूत होकर लौटे हैं
श्रेयस पिछले साल रणजी क्रिकेट की जगह आईपीएल को तरजीह देने के लिए बीसीसीआई से फटकार झेलने के बाद लाल गेंद प्रारूप में बेहतर तकनीक के साथ उभरने वाले खिलाड़ी साबित हुए है। वह शॉर्ट पिच गेंदों को भी अब पहले की तुलना में अच्छे से खेलते है। इंग्लैंड दौरे पर अनुभव बहुत काम आएगा और 2022 में इंग्लैंड में एक टेस्ट सहित 14 टेस्ट खेलने के बाद वह चुनौतियों के बारे में जानते हैं। उन्होंने बोर्ड के केंद्रीय अनुबंध से बाहर किए जाने के बाद काफी संख्या में घरेलू क्रिकेट खेला है और सहज दिख रहे हैं।
रजत पाटीदार : उछाल भरी पिच पर सहजता से खेलते हैं
पाटीदार के पास तकनीक और मैदान के चारों ओर सहजता से शॉट खेलने की शानदार क्षमता है लेकिन आंकड़ों पर गौर करे तो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर एक भी अर्धशतक नहीं लगाकर टेस्ट क्रिकेट में अपना मौका गंवा दिया है। रणजी का पिछला सत्र (450 से कम रन) योजना के अनुसार नहीं चला, ऐसे में अगरकर की अगुवाई वाली समिति क्या उन पर एक बार फिर से भरोसा करेगी।
करुण नायर : घरेलू सत्र में खूब रन बना रहे
टेस्ट में भारत के लिए तिहरा शतक जड़ने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज नायर ने मध्यक्रम में अपनी लय खो दी थी लेकिन विदर्भ के साथ जुड़ने के बाद वह फॉर्म में शानदार तरीके से वापसी करने में सफल रहे। घरेलू सत्र उनके लिए स्वप्निल रहा, जिसमें उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में 850 से अधिक रन बनाए। उन्होंने 2 सत्र पहले कर्नाटक क्रिकेट से नजरअंदाज किए जाने के बाद एक ट्वीट किया था ‘‘प्रिय क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो'' और कौन जानता है कि इंग्लैंड दौरा उनके लिए वह मौका हो सकता है। वह 2018 में नेट सत्रों के दौरान रवि शास्त्री और विराट कोहली को प्रभावित करने में नाकाम रहे थे और 2025 में बेंगलुरु के इस खिलाड़ी के लिए शायद एक अलग स्क्रिप्ट हो सकती है।
देवदत्त पडिक्कल : युवा बल्लेबाज, अच्छी फॉर्म में हैं
एक और बाएं हाथ का बल्लेबाज जिसे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में पहले मैच में टेस्ट पदार्पण करने का मौका मिला। पडिक्कल ने दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के साथ एक प्रभावशाली साझेदारी के दौरान अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई। वह आईपीएल में अच्छे फॉर्म में हैं और अगर वह सीनियर टीम में जगह नहीं बना पाते हैं, तो वह निश्चित रूप से भारत ए टीम में शामिल होंगे।
सरफराज खान : मध्यक्रम में आजमा सकते हैं
न्यूजीलैंड के खिलाफ अक्टूबर में बेंगलुरु में 150 रन बनाने के बाद सरफराज को टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर लेनी चाहिए थी, लेकिन अगले टेस्ट मैचों में कुछ खराब शॉट चयन से उन्होंने अपनी जगह गंवा दी। ऑस्ट्रेलिया में, वह एक पर्यटक की तरह थे और पहली एकादश में जगह बनाने के लिए उनके बारे में चर्चा भी नहीं की गई। चयनकर्ता हालांकि निरंतरता के लिए उनके नाम पर विचार कर सकते हैं।