भारतीय हॉकी टीम को रहेगी विश्व नंबर 1 बनने की तलाश

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2023 - 03:43 PM (IST)

हांगझाऊ : ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से लेकर विश्व कप हासिल करने तक पिछली एक सदी के दौरान अधिकांश समय हॉकी के शिखर पर रहने के बावजूद भारतीय टीम की विश्व की नंबर एक टीम बनने की हसरत फिलहाल पूरी नहीं हो सकी है। एक जमाने में हॉकी में भारत का डंका बजता था और उसके सामने प्रतिद्वंदी टीम का टिक पाना बेहद मुश्किल समझा जाता था मगर समय के साथ पश्चिम के देशों ने भी हाकी में खुद को स्थापित किया। 

इस बीच रैकिंग प्रणाली 2003 में अस्तित्व में आई। नई रैंकिंग प्रणाली लागू होने के बाद से पिछले कुछ वर्षों में भारतीय हॉकी टीम की रैंकिंग में उतार-चढ़ाव आया है। 2003 में हॉकी रैंकिंग प्रणाली शुरू होने पर पुरुष टीम छठे स्थान पर थी। उसी साल भारत ने चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर पहली बार एशिया कप जीता। लेकिन जल्द ही भारत की फॉर्म में गिरावट आई और वे टूर्नामेंट से शुरू में ही बाहर हो गए। 

भारतीय टीम 2005 में आठ देशों की राबो ट्रॉफी में सातवें स्थान पर खिसक गई जबकि 2005 में ही चैंपियंस ट्रॉफी में भी आखिरी स्थान पर रही। टूर्नामेंट जीतने के लिए संघर्ष कर रही भारतीय टीम ने इसके बावजूद शीर्ष 10 में अपना स्थान बनाए रखा क्योंकि हॉकी रैंकिंग प्रणाली चार साल के चक्र के परिणामों पर विचार करती थी। 2007 चैंपियंस चैलेंज में कांस्य पदक से भी भारत को मदद मिली मगर भारतीय हॉकी की फॉर्म में गिरावट जल्द ही रैंकिंग में दिखाई देने लगी। 

भारतीय टीम 2006 हॉकी विश्व कप में अपने सात में से पांच मैच हार गई और टूर्नामेंट में 11वें स्थान पर रही। टीम 80 वर्षों में पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही और बीजिंग 2008 में उसे बाहर रहना पड़ा। निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भारत 2008 में पहली बार हॉकी रैंकिंग के शीर्ष 10 से बाहर हो गया। पूर्व विश्व चैंपियन भारत ने 2010 में विश्व कप की मेजबानी की थी लेकिन पूल चरण में केवल एक बार जीत हासिल की और आठवें स्थान पर जगह बनाई। इससे भारत 12वें स्थान पर खिसक गया, जो अब तक की उनकी सबसे खराब हॉकी रैंक है। 

अगले दशक में भारत के प्रदर्शन में धीरे-धीरे सुधार देखा गया। भारत ने 2014 एशियाई खेलों और 2017 एशिया कप के साथ-साथ चार बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (2011, 2016 और 2018) जीती। भारत चैंपियंस ट्रॉफी, कॉमनवेल्थ गेम्स और हॉकी वल्डर् लीग में भी पदक विजेता रहा। हॉकी रैंकिंग में लगातार सुधार दिखाई दिया और 2020 में जब पुरानी रैंकिंग प्रणाली को बदला गया तो भारत पांचवें स्थान पर पहुंच गया। 

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद 2021 में भारतीय पुरुष हाकी टीम अपनी सर्वोच्च रैंकिंग ‘तीन' पर पहुंच गई। यह 41 वर्षों में उनका पहला ओलंपिक पदक था। तब से भारतीय टीम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2021, एफआईएच प्रो लीग 2021-22 और एशिया कप 2022 में तीसरे स्थान पर रहे। बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल 2022 में उन्होंने रजत पदक जीता और फिर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दोबारा हासिल करने में सफल रहे। 2023 में टीम वर्तमान में विश्व में तीसरे स्थान पर है। 


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Content Writer

Sanjeev

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