सवाल उठ रहे हैं : इरफान पठान ने हार्दिक पांड्या को घेरा, प्रदर्शन पर कहीं तीखी बातें
punjabkesari.in Wednesday, May 01, 2024 - 11:05 PM (IST)
नई दिल्ली : पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने बुधवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हार्दिक पंड्या की भारतीय क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठते रहे हैं और जसप्रीत बुमराह जैसा खिलाड़ी अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले आगामी टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के उप कप्तान की भूमिका निभाने में अधिक सक्षम है। टी20 विश्व कप 2007 के फाइनल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे पठान लंबे समय से पंड्या के मुखर आलोचक रहे हैं और बड़ौदा के रहने वाले भारतीय ऑलराउंडर पर लगातार निशाना साधते रहे हैं।
पठान ने कहा कि टी20 विश्व कप के बाद एक नई योजना थी। उन्होंने पंड्या और सूर्या (सूर्यकुमार यादव) के संभावित कप्तान के रूप में एक युवा टीम बनाने का लक्ष्य रखा। फिर भी पंड्या के प्रदर्शन की निरंतरता और भारतीय क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठे। पंड्या ने बड़ौदा के लिए करीब पांच साल से कोई घरेलू क्रिकेट नहीं खेला है और पठान उनकी अनुपस्थिति से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूरे साल भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के लिए घरेलू क्रिकेट में नियमित भागीदारी आवश्यक है। चोट लगना अपरिहार्य है लेकिन घरेलू क्रिकेट सहित लगातार मैच खेलने वाली उचित योजना खिलाड़ी की वापसी के लिए महत्वपूर्ण है।
पठान ने कहा कि लेकिन फिर एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो उन्हीं आवश्यकताओं को पूरा किए बिना चोट से वापसी करता है। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे टीम के बाकी खिलाड़ियों को गलत संदेश जाता है। पठान ने पंड्या को विशेष छूट देने की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि जब वे (खिलाड़ी) देखते हैं कि एक खिलाड़ी को विशेष तरजीह मिल रही है तो इससे टीम का माहौल खराब होता है। क्रिकेट टेनिस की तरह नहीं है, यह एक टीम खेल है जहां समानता महत्वपूर्ण है। प्रत्येक खिलाड़ी के साथ निष्पक्ष और समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी प्रारूपों में 300 से अधिक विकेट और 2700 से अधिक रन बनाने वाले पठान का मानना है कि पंड्या भारत के उप कप्तान बनने के हकदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तो अब हार्दिक पंड्या को उप कप्तान बनाने के बारे में आपके सवाल पर वापस आते हुए, मैं नेतृत्व में निरंतरता के महत्व के कारण इसके पीछे के तर्क को समझता हूं। हालांकि मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए चयनकर्ताओं द्वारा निरंतरता का विकल्प चुनना समझ में आता है। फिर भी मेरा मानना है कि बुमराह जैसा कोई व्यक्ति बुरा विकल्प नहीं होता।