ईशान किशन ने रणजी में शतक के बाद बदली रणनीति, खुलकर बताया अपना मकसद

punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 11:43 AM (IST)

नई दिल्ली : लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन ने रणजी ट्रॉफी के नए सीजन की धमाकेदार शुरुआत करते हुए एक शानदार शतक जड़ा। तमिलनाडु के खिलाफ झारखंड की कप्तानी करते हुए उन्होंने 183 गेंदों पर नाबाद 125 रन बनाए। यह शतक न सिर्फ उनकी वापसी की दस्तक था बल्कि उनके परिपक्व क्रिकेटी सोच का भी सबूत था जहां अब किशन का ध्यान रन से ज्यादा संयम पर है। 

टीम संकट में, ईशान ने थामी झारखंड की डोर

कोयंबटूर की हरियाली भरी पिच पर झारखंड की शुरुआत खराब रही और शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया। टीम जब 79/3 पर संघर्ष कर रही थी, तब कप्तान किशन पाँचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने शुरुआत से ही संयम दिखाया, आक्रामक स्ट्रोक्स के लिए पहचाने जाने वाले किशन ने इस बार धैर्य का रास्ता चुना। उन्होंने साहिल राज के साथ सातवें विकेट के लिए 150 रनों की अटूट साझेदारी की और झारखंड का स्कोर दिन के अंत में 307/6 तक पहुँचा दिया।

रणजी ट्रॉफी को हल्के में नहीं ले सकता : किशन

दिन के खेल के बाद किशन ने कहा, "इस वक्त मुझे बहुत होशियार रहने की ज़रूरत है। रणजी ट्रॉफी का महत्व समझना होगा। जब आप बड़ी टीमों के खिलाफ खेलते हैं, तो हर रन और हर साझेदारी मायने रखती है।" उन्होंने बताया कि अब उनका फोकस सिर्फ टिके रहना और टीम को संभालना है, न कि हर गेंद पर बड़ा शॉट खेलना। “जब बाएx हाथ का स्पिनर गेंदबाज़ी कर रहा था, तो मन हुआ कि उस पर छक्का जड़ दूं। लेकिन स्कोर देखा तो छह विकेट गिर चुके थे तब लगा कि यही वक्त है मैच पढ़ने का, न कि स्टाइल दिखाने का।”

अनुभव से आई परिपक्वता

किशन ने कहा कि अपने शुरुआती करियर में वे जल्दबाज़ी में गलतियाँ करते थे, लेकिन अब उन्हें “अनुभव की असली कीमत” समझ आई है। उन्होंने कहा, “पहले लगता था कि हर मैच में छक्के लगाकर ही असर डाला जा सकता है। अब समझ आया है कि कभी-कभी सिंगल लेना ज्यादा फायदेमंद होता है। साझेदारी ही गेंदबाज़ों को थकाती है और मैच का रुख बदलती है।”

टीम इंडिया में वापसी पर क्या बोले किशन? 

ऋषभ पंत की चोट के बाद किशन भारत के संभावित विकेटकीपर के रूप में चर्चा में आए थे। उन्होंने इंग्लैंड दौरे की तैयारी के लिए नॉटिंघमशायर में खेलते हुए दो शानदार पारियां (77 और 87 रन) खेलीं। लेकिन एक ई-बाइक दुर्घटना ने उनकी लय तोड़ दी, और उनकी जगह एन जगदीशन को मौका मिला। उन्होंने कहा, “जब भी मैंने कोई लक्ष्य तय किया, मेरा प्रदर्शन गिरा। अब कोई लक्ष्य नहीं रखता, बस बल्लेबाजी करता हूं। जब आप क्रीज पर रहते हैं, तो रन अपने आप आते हैं।”


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Content Writer

Sanjeev

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