''गिल पर इसका सही असर नहीं हुआ'', शुभमन के आक्रामक तेवर पर बोले मांजरेकर
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 02:06 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत के इंग्लैंड दौरे पर शुभमन गिल का प्रदर्शन अभी तक देखने लायक रहा है। उन्होंने कई बल्लेबाजी रिकॉडर् तोड़ते हुए टेस्ट कप्तान के रूप में अपनी पहली जीत हासिल की। हालांकि लॉर्ड्स में उनका एक ऐसा पक्ष देखने को मिला जो अक्सर देखने को नहीं मिलता। उन्होंने जैक क्रॉली के सामने आक्रामक तेवर दिखाए और उनकी टीम ने भी उनका अनुसरण किया और इस तरह सीरीज का पहला रोमांचक मोड़ आया।
बेन स्टोक्स ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि इंग्लैंड ने गिल की आक्रामकता के सीधे जवाब में भारत के लिए स्थिति को जितना हो सके उतना असहज बनाने का फैसला किया था। चौथे दिन के आखिरी क्षणों में जब खेल के एक महत्वपूर्ण दौर में बल्लेबाजी करने की उनकी बारी आई, तो गिल ज्यादा देर टिक नहीं पाए। अब जबकि टेस्ट मैचों के बीच ब्रेक है, मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट अगले बुधवार से शुरू हो रहा है और भारत 1-2 से पीछे है, गिल के पास यह तय करने के लिए कुछ समय है कि क्या वह तीसरे दिन दिखाए गए साहस को आगे भी जारी रखना चाहते हैं।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने मैच डे कार्यक्रम में भारत के एक पूर्व कप्तान का उदाहरण देते हुए चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में रखा। मांजरेकर ने कहा, 'विराट कोहली के साथ बात यह थी कि वह जब ज्यादा जोश में आ जाते थे, तो एक बेहतर बल्लेबाज बन जाते थे। शुभमन गिल के साथ मुझे जो बात निराश कर रही थी, वह यही थी कि मैं सोच रहा था कि गिल किस दिशा में जा रहे हैं? क्योंकि ऐसा लग रहा था कि बल्लेबाज गिल पर इसका सही असर नहीं हुआ।'
मांजरेकर ने कहा, 'वह बहुत ही अनिश्चित लग रहे थे और आप जानते हैं, आजकल हम स्टंप माइक के सामने होते हैं और हम उनकी बातें सुन सकते थे और कुछ निजी हमले भी हुए।' 'गिल के लिए यह एक नया अनुभव हो सकता है क्योंकि आजकल, जैसा कि आप देख सकते हैं, भारतीय खिलाड़यिों के साथ, ज्यादातर विदेशी टीमें दोस्ताना व्यवहार करती हैं। इसलिए यह एक नया क्षेत्र था। और वह अनिश्चित लग रहे थे और इसके लिए तैयार नहीं थे।'
गिल लॉर्ड्स में दो टेस्ट मैचों में 485 रन बनाकर उतरे थे। उन्होंने चार पारियों में तीन शतक लगाए और उनमें से एक को करियर की सर्वश्रेष्ठ 269 रनों की पारी में बदल दिया। तीसरे टेस्ट में बल्लेबाजी के लिए हालात बाकी सीरीज की तुलना में ज्यादा मुश्किल थे। दूसरी पारी में उन्हें एक सख्त नई गेंद का सामना करना पड़ा। बाकी हर बार, उन्हें एक पुरानी, नरम गेंद के सामने शुरुआत करने का फायदा मिला, जो ज्यादा असर नहीं कर रही थी।
मांजरेकर ने कहा, 'हमने देखा कि उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की, उससे यह नतीजा निकला। उन्होंने पूरी सीरीज में बल्लेबाज के तौर पर अपने मैराथन प्रदर्शन के दौरान खूबसूरती से इन गेंदों का सामना किया है। और अचानक से वो उन गेंदों को मिस कर रहे थे। अगली गेंद पर, पगबाधा आउट हो गए। गिल के डिफेंस को भेदना बहुत मुश्किल काम था। उन्होंने शायद ही कोई गेंद मिस की हो। उनका नियंत्रण प्रतिशत शानदार रहा है। और अचानक (दूसरी पारी में) लगभग नौ गेंदों में से उन्होंने चार गेंदें मिस कर दीं। मुझे इसमें कोई शक नहीं कि इसमें कोई कनेक्शन है।'
उन्होंने कहा, 'इसी बात को आगे बढ़ाते हुए, अगर शुभमन गिल में वो जबरदस्त जोश होता, तो हम उसे थोड़ा पहले ही देख लेते। कप्तान होने पर आपको यह दिखाने की जरूरत नहीं होती। या फिर उन्होंने यह इसलिए दिखाया क्योंकि अब उन्हें टेस्ट मैच जीतने और ढेर सारे रन बनाने का आत्मविश्वास आ गया है? क्योंकि विराट कोहली के साथ, आप देख सकते थे कि वो किसी भी मुकाबले के लिए तैयार रहते थे। वो हमेशा किसी भी स्थिति में शामिल होने के लिए तैयार रहते थे। यहां तक कि जब वो कप्तान नहीं थे, तब भी आप उनके भीतर यह तेवर देख सकते थे। तो यह एक ऐसा गुण था जो हमने उनके कप्तान बनने से पहले ही देख लिया था। शुभमन गिल में, मैंने ये पहले कभी नहीं देखा।'
मांजरेकर का मानना है कि इंग्लैंड में गिल का प्रदर्शन पहले ही 'सभी की उम्मीदों से बढ़कर' रहा है और वह किस तरह का कप्तान बनना चाहते हैं, यह तय करने में उन्हें समय लग सकता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आठ दिनों का यह ब्रेक उनके लिए एकदम सही है। उनके आस-पास बहुत सारे अच्छे लोग हैं। उनके पिता (जिन्होंने उनके क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई), दरअसल, उन्हें जानते होंगे, अपने बेटे को जानते होंगे, कि वह विराट कोहली हैं, संभावित विराट कोहली या (एम एस) धोनी हैं या इनके बीच कहीं हैं। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि उनके भीतर कहीं इन दोनों के बीच का गुण मौजूद है। इसलिए उन्हें अपना रास्ता खुद खोजना होगा। लेकिन वह रास्ता जो भी हो, वह ऐसा होना चाहिए जो उनके नेतृत्व गुणों को निखारे और उन्हें एक बेहतर बल्लेबाज बनाए।'