''मैं थोड़ा घबराया हुआ था'', करुण नायर का 8 साल बाद वापसी पर निराशाजनक प्रदर्शन

punjabkesari.in Sunday, Aug 10, 2025 - 03:48 PM (IST)

नई दिल्ली : भारतीय बल्लेबाज करुण नायर ने इस बात पर अफसोस जताया कि इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट श्रृंखला में मिली शुरुआत को वह बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए लेकिन वह समझते हैं कि इन निराशाओं को दूर करना उनके लिए भविष्य में रन बनाने के लिए जरूरी है। नायर ने 8 साल के अंतराल के बाद वापसी करते हुए चार टेस्ट मैच में 25 की औसत से 205 रन बनाए जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल है। 

नायर ने कहा, ‘मैं ओवल में मिली शुरुआत (जहां उन्होंने 57 रन बनाए) को शतक में नहीं बदल पाने से निराश था। लेकिन पहले दिन के खेल के दौरान टिके रहना महत्वपूर्ण था क्योंकि टीम मुश्किल स्थिति में थी। मैं थोड़ा घबराया हुआ था लेकिन अच्छा महसूस कर रहा था। मैं उम्मीद कर रहा था कि मैं इसे बदल पाऊंगा (शतक में) जो मैं नहीं कर सका।' 

कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने स्वीकार किया कि यह उनके लिए ‘उतार-चढ़ाव भरी श्रृंखला' रही और घरेलू क्रिकेट में बड़े स्कोर बनाने के बाद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद प्रदर्शन निराशाजनक रहा। नायर ने कहा, ‘मैंने काफी सोचा लेकिन जो हो चुका है उसे भूलकर अगले कुछ महीनों में मुझे क्या करना है इस पर ध्यान देना जरूरी है।' उन्होंने कहा, ‘यह मेरा ध्यान बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि मैं आगे बढ़ूं और चाहे किसी भी स्तर पर खेलूं, वहां बड़े स्कोर बनाऊं।' 

नायर ने कप्तान शुभमन गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर की कड़ी टक्कर वाली पांच मैच की टेस्ट श्रृंखला में टीम को एकजुट रखने के लिए सराहना की। नायर ने कहा, ‘शुभमन ने जिस तरह से सभी को एकजुट रखा और जो प्रोत्साहन दिया वह देखने लायक था। शुरुआत से ही उनका संवाद बिल्कुल स्पष्ट था। एक बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने जो हासिल किया, उसे हासिल करने के साथ-साथ टीम का नेतृत्व भी किया।' 

उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में ही गौती भाई (गंभीर) ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि हम इसे एक बदलाव के दौर से गुजर रही टीम के रूप में देखें। वह नहीं चाहते थे कि हम ऐसा महसूस करें। हमें जो पहला संदेश मिला वह था कि यह कोई युवा टीम नहीं है, यह एक बेहतरीन टीम है और सभी को इसे अपने अंदर से महसूस करना चाहिए।' 

नायर मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के दौरान चोटिल ऋषभ पंत की बल्लेबाजी से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने कहा कि उनके रवैये ने पूरी टीम को परिभाषित किया। उन्होंने कहा, ‘ऋषभ को पैर के टूटे अंगूठे के साथ बल्लेबाजी करते देखना - यह श्रृंखला के सबसे यादगार पलों में से एक था। यह देखना सभी के लिए आश्चर्यजनक था। इससे पता चलता है कि वह कितने महान खिलाड़ी हैं और उससे भी महत्वपूर्ण बात है कि वह कैसे इंसान हैं।' 


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Content Writer

Sanjeev

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