इन 7 ऐतिहासिक मुकाबलों के लिए जाना जाता है कोलकाता का ईडन गार्डन, यही IND vs SA भिड़ेंगे
punjabkesari.in Friday, Nov 03, 2023 - 09:58 PM (IST)

कोलकाता : क्रिकेट विश्व कप 2023 के तहत भारत और दक्षिण अफ्रीका (IND vs SA) के बीच कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन (Eden Garden) पर मुकाबला खेला जाएगा। करीब 67000 दर्शक क्षमता वाला यह मैदान कई ऐतिहासिक मैचों के लिए भी जाना जाता है। इसी मैदान पर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का विजयी रथ रोका था। इसी मैदान पर दर्शकों ने बड़ा विवाद किया और इसी मैदान पर रोहित शर्मा ने बड़ा कारनामा कर दिखाया था। आइए जानते हैं इस मैदान के ऐतिहासिक मुकाबलों के बारे में...
1. भारत का पहला टेस्ट खेला गया
हुगली नदी पर बाबू घाट और फोर्ट विलियम के बीच 1864 में बने इस मैदान पर पहला टेस्ट 1934 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया। पहला वनडे 1987 में भारत और पाकिस्तान के बीच तथा पहला टी20 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया।
2. विश्व कप 1987 फाइनल इसी मैदान पर हुआ
पहली बार इंग्लैंड से बाहर जब विश्व कप का आयोजन भारत और पाकिस्तान की मेजबानी में हुआ तो इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच 8 नवंबर 1987 को फाइनल इसी ईडन गार्डंस पर खेला गया। 5 बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया की विश्व क्रिकेट में बादशाहत की नींव इसी मैदान पर पड़ी जब उसने इंग्लैंड को सात रन से हराया। फाइनल में भारत के नहीं होने के बावजूद करीब एक लाख लोग मैच देखने जुटे थे और इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज माइक गैटिंग ने तो यहां तक कहा कि मैदान में इतने दर्शक उन्होंने कभी नहीं देखे।
3. मैदान पर दर्शकों ने आग लगाई
भारत और श्रीलंका के बीच 1996 विश्व कप सेमीफाइनल में ईडन गार्डंस पर भारतीय क्रिकेट का एक काला अध्याय भी लिखा गया। खेलों के लिए अपनी दीवानगी के लिए मशहूर कोलकाता के दर्शक श्रीलंका के 8 विकेट पर 251 रन के जवाब में भारत का 8वां विकेट (आशीष कपूर) 120 रन पर गिरने के बाद हिंसक हो गए। मैदान पर कागज की मिसाइलें बनाकर फेंकी गई, दर्शक दीर्घा में छिटपुट आग भी लगी और ईडन मानों रणक्षेत्र बन गया। मैच कुछ देर रोकने के बाद फिर शुरू हुआ तो फील्डरों पर बोतलें फेंकी गई। नतीजतन मैच रद्द करना पड़ा और श्रीलंका को विजयी घोषित किया गया। सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे महान खिलाड़ियों की मौजूदगी में कोलकाता के दर्शकों ने भारतीय क्रिकेट को इस कदर शर्मसार किया कि दाग धुलने में बरसों लगे।
4. विश्व कप 2011 में नहीं मिले थे विश्व कप के बड़े मैच
फिर 2011 विश्व कप में भारत और इंग्लैंड के बीच अहम मैच की मेजबानी ईडन से लेकर बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम को दे दी गई। कारण ईडन पर निर्माण कार्य समय रहते पूरा नहीं हो पाना था। 20 एकड़ में फैले भारत के सबसे पुराने ऐतिहासिक मैदान को 2011 विश्व कप में जिम्बाब्वे बनाम कीनिया, दक्षिण अफ्रीका बनाम आयरलैंड और नीदरलैंड बनाम आयरलैंड जैसे ग्रुप मैच मिले। नॉकआउट चरण, क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल या फाइनल कुछ नहीं। भारत के लिए 2011 विश्व कप यादगार रहा लेकिन ईडन गार्डंस सुनहरी यादों का साक्षी बनने से वंचित रह गया।
5. नो कपिल नो टेस्ट' के नारे लगे
भारत को 1983 विश्व कप दिलाने वाले कपिल देव को 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट से बाहर किए जाने पर यहां सुनील गावस्कर को दर्शकों का कोपभाजन बनना पड़ा और ‘नो कपिल नो टेस्ट' के नारे लगे।
6. लक्ष्मण और हरभजन को मिले नए नाम
2001 के ऐतिहासिक टेस्ट में 281 रन की पारी खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण को आस्ट्रेलिया ने ‘वैरी वैरी स्पेशल लक्ष्मण' कहा तो आफ स्पिनर हरभजन सिंह को ‘टरबनेटर' की उपाधि मिली। लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के बीच 376 रन की साझेदारी के दम पर भारत ने स्टीव वॉ को आखिरी किला फतह करने से रोकते हुए टेस्ट जीता।
7. रोहित के 264 रन यही बने
भारत की कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा ने नवंबर 2014 में श्रीलंका के खिलाफ 173 गेंद में 33 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 264 की पारी खेलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जो आज भी उनके ही नाम है।