Paris Olympics : पदक से चूके लक्ष्य सेन, बैडमिंटन पुरुष एकल में ली जी जिया से हारे
punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2024 - 08:01 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने पहला गेम जीतने और दूसरे में बढ़त बनाने के बावजूद पेरिस ओलंपिक की बैडमिंटन की पुरुष एकल स्पर्धा के कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में सोमवार को यहां मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ तीन गेम में हारकर इस स्पर्धा में पदक जीतने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बनने से चूक गए। सेमीफाइनल की तरह कांस्य पदक के प्ले ऑफ में भी दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य ने बढ़त गंवाई और उन्हें 71 मिनट चले मुकाबले में दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ली के खिलाफ 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य की ली के खिलाफ छह मैचों में यह दूसरी हार है। इस हार के साथ लक्ष्य साइना नेहवाल (लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य) और पीवी सिंधू (रियो ओलंपिक 2016 में रजत और तोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य) के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाला तीसरा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनने से भी चूक गए। वह मौजूदा खेलों में निशानेबाज मनु भाकर, अर्जुन बबूता, महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका की मिश्रित स्कीट जोड़ी तथा तीरंदाज धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत की मिश्रित जोड़ी की सूची में शामिल हो गए जो चौथे स्थान पर रहने के साथ पदक से चूक गए।
ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य को रविवार को अंतिम चार के मुकाबले में रियो ओलंपिक के कांस्य और तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता एक्सेलसन के खिलाफ 20-22, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा था। लक्ष्य ने एक्सेलसन के खिलाफ मुकाबले की तरह ली के खिलाफ भी पहले गेम जीतने के बाद दूसरे में 8-3 की बढ़त बना रखी थी लेकिन इसके बाद उन्होंने लगातार नौ अंक गंवाकर मलेशिया के खिलाड़ी को वापसी का मौका दिया जिसने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। विश्व चैंपियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता 22 साल के लक्ष्य पिछले मुकाबलों की तरह एक बार फिर शुरुआत से ही अच्छी लय में नजर आए। लक्ष्य के स्मैश और ड्रॉप शॉट फिर दमदार दिखे।
ली ने लगातार गलतियां की और कई शॉट बाहर और नेट पर मारे जिससे लक्ष्य ने 6-2 की बढ़त बनाई। ली के शॉट लगातार बाहर जा रहे थे और वह भारतीय खिलाड़ी के शॉट की लेंथ को भी परखने में नाकाम रहे जिससे लक्ष्य आसान अंक जुटाते रहे और ब्रेक तक 11-5 की बड़ी बढ़त बनाने में सफल रहे। ब्रेक के बाद लक्ष्य ने और तेजी दिखाई। ली को लक्ष्य के स्मैश को वापस भेजने में भी परेशानी हो रही थी जिससे भारतीय खिलाड़ी ने अपनी बढ़त को 13-6 किया। ली को उनके दमदार स्मैश के लिए जाना जाता है लेकिन लक्ष्य ने उन्हें हाथ खोलने का अधिक मौका नहीं दिया और बढ़त को 16-10 तक पहुंचाया। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के लक्ष्य ने 19-13 के स्कोर पर सीधा शॉट मारकर 7 गेम प्वाइंट हासिल किए और फिर मलेशिया के खिलाड़ी के शॉट बाहर मारने से पहले गेम 20 मिनट में 21-13 से जीत लिया।
लक्ष्य ने दूसरे गेम में भी ली को पूरे कोर्ट में दौड़ाया और मलेशिया के खिलाड़ी की गलतियों का फायदा उठाकर लगातार पांच अंक के साथ 7-2 की बढ़त बनाई। लक्ष्य ने भी जल्दबाजी में गलतियां की और ली लगातार नौ अंक के साथ वापसी करते हुए 12-8 की बढ़त बनाने में सफल रहे। भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि धैर्य नहीं खोया और लगातार चार अंक के साथ स्कोर 12-12 किया जिसमें स्मैश से जुटाए दो अंक भी शामिल रहे। लक्ष्य ने लगातार दो शॉट बाहर मारकर ली को 17-14 की बढ़त बनाने का मौका दिया। ली ने लक्ष्य के बाहर शॉट मारने पर चार गेम प्वाइंट हासिल किए और फिर भारतीय खिलाड़ी के नेट पर शॉट उलझाने से दूसरा गेम 21-16 से जीतकर मुकाबले को तीसरे और निर्णायक गेम में खींचा।
तीसरे गेम में ली अपने चिरपरिचित अंदाज में खेलते नजर आए। उन्होंने अपनी तेजी और स्मैश से लक्ष्य को लगातार परेशान करते हुए छह अंक के साथ 9-2 की बढ़त बनाई। लक्ष्य निर्णायक गेम में थके हुए नजर आए। उन्होंने कुछ अंक जुटाए लेकिन ब्रेक तक ली 11-6 की बढ़त बनाने में सफल रहे। लक्ष्य गलतियों पर लगातार नहीं लगा पा रहे थे और इसका फायदा उठाकर मलेशियाई खिलाड़ी ने 16-8 की बड़ी बढ़त बनाई। लक्ष्य ने बाहर शॉट मारकर ली को नौ मैच प्वाइंट दिए और फिर मलेशिया के खिलाड़ी ने बॉडी स्मैश के साथ गेम, मैच और पदक जीत लिया।
लक्ष्य सेन से जुड़ी कुछ खास बातें
लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ। सेन एक बंगाली परिवार से हैं। उनके पिता डी. के. सेन उनके कोच हैं।
वह पूर्व विश्व जूनियर नंबर 1 हैं।
उन्होंने 2018 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में लड़कों के एकल और समर यूथ ओलंपिक में मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते हैं।
उन्होंने 2021 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2022 ऑल इंग्लैंड ओपन में उपविजेता रहे।
सेन 2022 थॉमस कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
इसी के साथ ही उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता।