मार्को जैनसेन ने रचा इतिहास, भारत में ये रिकॉर्ड बनाने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज बने
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 04:43 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : साउथ अफ्रीका के दिग्गज ऑलराउंडर मार्को जैनसेन ने गुवाहाटी टेस्ट में ऐसा प्रदर्शन किया जिसने उन्हें इतिहास की खास पुस्तकों में दर्ज कर दिया। 25 वर्षीय जैनसेन ने एक ही मैच में 93 रन की शानदार पारी और 6/48 का कहर बरपाने वाला स्पेल डालकर भारत के खिलाफ एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया। वे भारत में किसी टेस्ट मैच में हाफ-सेंचुरी बनाने और छह विकेट लेने वाले साउथ अफ्रीका के पहले खिलाड़ी बन गए। उनके ऑलराउंड शो ने भारत को मैच में पूरी तरह बैकफुट पर धकेल दिया और साउथ अफ्रीका को मजबूत स्थिति दिलाई।
भारतीय परिस्थितियों में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ स्पेल
भारत की पिचें पारंपरिक रूप से स्पिन गेंदबाजों की मददगार मानी जाती हैं। ऐसे में किसी भी तेज गेंदबाज के लिए बड़ा प्रभाव छोड़ना आसान नहीं होता। लेकिन जैनसेन ने इस मिथक को तोड़ते हुए घातक बाउंस, नई गेंद और पुरानी गेंद दोनों से मूवमेंट, निरंतर सही लाइन-लेंथ के साथ ऐसा दबदबा बनाया कि भारतीय बल्लेबाज संभल ही नहीं पाए। उनका यह स्पेल भारतीय धरती पर किसी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जा रहा है।
2000 के बाद भारत में ‘फिफ्टी + पांच विकेट’
जैनसेन के इस प्रदर्शन ने उन्हें उन चुनिंदा विदेशी खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल कर दिया जिन्होंने 2000 के बाद भारत में टेस्ट में फिफ्टी और पांच या उससे ज्यादा विकेट दोनों लिए हों। यह क्लब बेहद छोटा और खास है भारत में फिफ्टी + 5 विकेट लेने वाले विदेशी खिलाड़ी (2000 के बाद)
मार्को जैनसेन (साउथ अफ्रीका), गुवाहाटी 2025 – 93 रन, 6/48
निकी बोजे (साउथ अफ्रीका), बेंगलुरु 2000 – 85 रन, 5/83
जेसन होल्डर (वेस्ट इंडीज), हैदराबाद 2008 – 52 रन, 5 विकेट
इस सूची में जैनसेन का प्रदर्शन रन और विकेट दोनों के लिहाज से स्पष्ट रूप से सबसे ऊपर है। यही वजह है कि विशेषज्ञ इसे भारत में किसी विदेशी पेस ऑलराउंडर द्वारा सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन बता रहे हैं।
जैनसेन ने एकतरफा दबदबा बनाया
जैनसेन ने गेंदबाजी की शुरुआत पहले ही सत्र में ध्रुव जुरेल को आउट करके की। इससे भारतीय पारी की नींव वहीं से हिल गई। चाय के बाद उन्होंने अपना सबसे विनाशकारी स्पेल डाला और क्रमश, ऋषभ पंत (फुल लेंथ गेंद पर आउट), नीतीश कुमार रेड्डी (ऑफ स्टंप पर मूवमेंट से परास्त), रवींद्र जडेजा (लगातार दबाव में विकेट) और जसप्रीत बुमराह (पुछल्ले बल्लेबाज पर शिकंजा) को आउट कर भारतीय मिडिल और लोअर ऑर्डर को ढहा दिया। उनकी बोलिंग के कारण भारत की निचली आधी पारी कुछ ही ओवरों में सिमट गई और मैच का रुख पूरी तरह साउथ अफ्रीका के पक्ष में चला गया।
बल्ले से भी छाए जैनसेन
सिर्फ गेंद से नहीं, जैनसेन ने बल्ले से भी खेल पलट दिया। 91 गेंदों में 93 रन, शानदार काउंटर-अटैक, लोअर-ऑर्डर साझेदारी से पारी को 480+ रन की विशालता तक ले जाना, उनकी यह पारी भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाने वाली साबित हुई।

