IPL 2026 Auction: मां ने बेचे गहने, पिता को भूखे सोना पड़ा: 14.20 करोड़ में बिके कार्तिक शर्मा की संघर्षभरी कहानी

punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 11:36 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : IPL 2026 ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने 19 वर्षीय विकेटकीपर कार्तिक शर्मा पर 14.20 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर सबका ध्यान खींच लिया। लेकिन कार्तिक की यह सफलता सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि त्याग, संघर्ष और अटूट विश्वास की मिसाल है। एक समय ऐसा भी था जब पैसों की कमी के कारण उन्हें और उनके पिता को भूखे पेट रात गुजारनी पड़ी थी।

IPL में चुने जाने के बाद कार्तिक अपने माता-पिता के साथ अपने गृह नगर भरतपुर लौटे, जहां खिरनी घाट स्थित अग्रवाल धर्मशाला में उनका भावनात्मक स्वागत किया गया। इस मौके पर भारतपुर जिला क्रिकेट संघ (BDCA) के पदाधिकारी और शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे, जिन्होंने जिले का नाम रोशन करने वाले इस युवा खिलाड़ी को सम्मानित किया।

परिवार ने बेची जमीन, मां ने त्यागे गहने

कार्तिक के पिता मनोज शर्मा, जो सीमित आय पर परिवार चलाते हैं, ने बेटे के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि कार्तिक को क्रिकेटर बनाने का सपना उन्होंने किसी भी कीमत पर पूरा करने की ठान ली थी। बेटे की ट्रेनिंग और टूर्नामेंट के खर्च के लिए परिवार ने बहनेरा गांव की अपनी जमीन और खेत तक बेच दिए। वहीं, मां राधा शर्मा ने अपने गहने बेचकर बेटे के सपने को मजबूती दी।

भूखे पेट काटी रात, लेकिन नहीं टूटा हौसला

कार्तिक के करियर का सबसे कठिन दौर ग्वालियर के एक टूर्नामेंट के दौरान आया। पिता को उम्मीद थी कि टीम चार–पांच मैचों में बाहर हो जाएगी, जितने दिनों का खर्च वे उठा सकते थे। लेकिन टीम फाइनल में पहुंच गई और पैसे खत्म हो गए। मजबूरी में पिता–पुत्र को नाइट शेल्टर में रुकना पड़ा और एक दिन दोनों को भूखे पेट सोना पड़ा। फाइनल जीतने और इनामी राशि मिलने के बाद ही वे घर लौट सके।

बचपन से दिखी प्रतिभा

कार्तिक की प्रतिभा बहुत कम उम्र में नजर आने लगी थी। महज ढाई साल की उम्र में उन्होंने बल्ला उठाया और इतनी जोर से शॉट मारा कि घर में लगे दो फोटो फ्रेम टूट गए। उसी पल परिवार को एहसास हो गया था कि यह बच्चा खास है। खुद मनोज शर्मा भी एक समय क्रिकेटर थे, लेकिन चोट के कारण उनका करियर अधूरा रह गया। उन्होंने ठान लिया कि जो सपना वे पूरा नहीं कर सके, उसे बेटा जरूर साकार करेगा।

चयन न मिलने के चार साल, फिर भी नहीं मानी हार

कार्तिक ने अंडर-14 और अंडर-16 स्तर पर खेला, लेकिन इसके बाद लगातार चार साल तक चयन नहीं हुआ। कई खिलाड़ी इस मोड़ पर हार मान लेते हैं, लेकिन कार्तिक डटे रहे। पिता खुद उन्हें ट्रेनिंग देते रहे। आखिरकार मेहनत रंग लाई और उनका चयन अंडर-19 टीम, फिर रणजी ट्रॉफी में हुआ।

पढ़ाई के साथ क्रिकेट पर फोकस

घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन के बाद कार्तिक के लिए IPL के दरवाजे खुले। अचानक मिली शोहरत के बावजूद वे जमीन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने इसी साल 12वीं की पढ़ाई पूरी की है और आगे ग्रेजुएशन करने का इरादा रखते हैं। उनका छोटा भाई भी क्रिकेट खेलता है, जबकि मंझला भाई पढ़ाई पर ध्यान दे रहा है।

कार्तिक शर्मा की कहानी आज उन हजारों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो छोटे शहरों और सीमित संसाधनों से बड़े सपने देखते हैं। जमीन और गहने बेचने से लेकर भूखे पेट सोने तक का यह सफर अब आईपीएल के चमकते मंच पर पहुंच चुका है, जिसने एक परिवार की किस्मत ही बदल दी।


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Content Editor

Ishtpreet Singh

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