RCB ने मेरा लंदन से हर्निया का ऑपरेशन करवाया, कभी नहीं भूल सकता : सुयश शर्मा
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 05:42 PM (IST)

बेंगलुरु : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के 21 वर्षीय स्पिनर सुयश शर्मा ने चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ घरेलू मैच से पहले आरसीबी बोल्ड डायरीज में अपनी चोट, सर्जरी, आईपीएल यात्रा और मानसिक दृढ़ता के बारे में खुलकर बात की। शर्मा ने अपनी चोट और सर्जरी के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आरसीबी ने उनके इलाज के लिए लंदन भेजा, जहां उनकी मुलाकात टीम फिजियो जेम्स पाइपी से हुई। "मुझे तीन हर्निया थे। सर्जरी बड़ी थी और मुझे पहले मैच में खेलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन जेम्स और उनके परिवार ने मेरा बहुत ख्याल रखा। मैं पिछले दो सालों से दर्द में खेल रहा था, लेकिन आरसीबी ने मुझ पर भरोसा दिखाया और मेरे इलाज में निवेश किया। मैं अब पूरी तरह फिट हूं और इस फ्रेंचाइजी का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करता हूं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए नया रास्ता खोलने वाला रहा।
𝐒𝐮𝐲𝐚𝐬𝐡 𝐒𝐡𝐚𝐫𝐦𝐚: 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐮𝐫𝐯𝐢𝐯𝐨𝐫 💪
— Royal Challengers Bengaluru (@RCBTweets) May 1, 2025
21-year old Suyash has been our unsung hero this #IPL! 🫶
From battling pain in the body, to recovering after surgery right on time, and working hard on his fitness and variations, eager to make a strong impact - his story… pic.twitter.com/bC1mt25jzW
आईपीएल में अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए शर्मा ने बताया कि उनका सफर आसान नहीं था। मैंने आईपीएल से पहले कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं खेला था। मैंने सिर्फ अंडर-25 खेला था और छह-सात साल ट्रायल में बिताए, लेकिन कभी चुना नहीं गया। मेरे माता-पिता हमेशा मुझसे पूछते थे कि मुझे आईपीएल में कब मौका मिलेगा, लेकिन उन्होंने कभी मुझ पर शक नहीं किया। अंडर-25 टूर्नामेंट के बाद, शर्मा ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के अभ्यास मैच में शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने अपनी तेज गुगली से आठ विकेट लिए। उस समय मेरे पिता अस्पताल में थे। जब उन्हें मेरे चयन की खबर मिली, तो वे रो पड़े। किसी को उम्मीद नहीं थी कि मैं इतनी जल्दी आईपीएल खेलूंगा।
शर्मा का आईपीएल डेब्यू आरसीबी के खिलाफ हुआ, जिसे वे अपने जीवन का सबसे दबावपूर्ण पल मानते हैं। मैं पहले कभी स्टेडियम में मैच देखने भी नहीं गया था। इतनी भीड़ और पागलपन भरा माहौल देखकर मेरा दिमाग खाली हो गया था। लेकिन मैंने वही किया जो मैं हमेशा करता था। पहले ओवर के बाद सब शांत हो गया, और मैं उस पल को जीने लगा। उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा कि मुझे हमेशा पता था कि मैं आईपीएल खेलूंगा, 101 प्रतिशत। लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि यह 19 साल की उम्र में होगा।
चोट के कारण तीन महीने बिस्तर पर रहने के दौरान शर्मा ने मानसिक तैयारी पर ध्यान दिया। "मैंने हर गेंद की कल्पना की। मैं पूरे दिन अपनी गेंदबाजी के बारे में सोचता था, हर रणनीति को दिमाग में दोहराता था। इससे मुझे वापसी में बहुत मदद मिली।" उन्होंने अपनी गेंदबाजी शैली के बारे में बताया, "मैंने बल्लेबाज के तौर पर शुरुआत की, लेकिन पार्क में स्पिन गेंदबाजी मेरे लिए स्वाभाविक थी। मेरा एक्शन भी स्वाभाविक है। कलाई के स्पिनर के लिए निरंतरता जरूरी है, इसलिए मैंने चोट के दौरान भी मानसिक रूप से खुद को तैयार रखा।
शर्मा ने अपने परिवार के समर्थन को अपनी सफलता का आधार बताया। "दो साल पहले मैंने अपने पिता को कैंसर के कारण खो दिया। मेरी मां और परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया। वे मेरी मेहनत देखते थे और मुझ पर भरोसा करते थे।" उनकी कहानी यह सिखाती है कि कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ कोई भी मुश्किल चुनौती पार की जा सकती है। शर्मा की यह यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर है।