सचिन तेंदुलकर या स्टीव स्मिथ? मास्टर ब्लास्टर की प्रतिमा को लेकर क्रिकेट फैंस ने किए मजेदार कमेंट
punjabkesari.in Thursday, Nov 02, 2023 - 05:34 PM (IST)
खेल डैस्क : क्रिकेट विश्व कप 2023 के तहत जब भारतीय टीम (Team india) श्रीलंका के खिलाफ वानखेड़े के मैदान पर उतरी तो दर्शकों की नजरें भारतीय दिग्गजों के अलावा स्टेडियम में बीते दिनों ही अनावरित की गई महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की प्रतिमा पर गई। फैंस ने पाया कि सचिन की प्रतिमा की शकल ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ के साथ मिलती है। इसके बाद सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैंस ने जमकर कमेंट किए।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने 1 नवंबर को सचिन तेंदुलकर स्टैंड के बगल में स्थित वानखेड़े स्टेडियम में एक रंगारंग समारोह में सचिन तेंदुलकर की इस भव्य प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा में सचिन को लॉफ्टेड स्ट्रेट ड्राइव खेलते हुए दिखाया गया है। हालांकि फैंस ने बाद में पाया कि सचिन की प्रतिमा में जो चेहरा बनाया गया है वह कुछ हद तक स्टीव स्मिथ से मिलता है। प्रशंसकों ने इसपर जमकर कमेंट किए।
Curious choice to put up a statue of Steve Smith at Mumbai’s Wankhede. pic.twitter.com/67JciI5cEz
— Lawrence Booth (@BoothCricket) November 2, 2023
Happy to see my statue in India. But I am little bit taller😂🤣 https://t.co/rgcDDQg3Uk
— Steve Smith (@stevsmith49) November 2, 2023
That looks like Steve Smith, no? https://t.co/JgRuLBQ45z
— Joe (@josephradhik) November 2, 2023
The knowledgeable Wankhede authorities have erected statue of Steve Smith in honour of his test average. pic.twitter.com/cBXoBLEbTO
— Bas De Joker (Perry's version) (@Jokeresque_) November 2, 2023
Paper Smith statue at Wankhede 😔
— Cricketricz (@Aj_achu_) November 2, 2023
Tribute to Steve Smith
— Daakuudaddy (@daakuudaddy) November 2, 2023
A statue dedicated to Steve Smith is unveiled at Wankhede Stadium by Sachin Sir, but they made mistake by putting Indian helmet.
They are in talks with Australian team to shift Steve Smith to Indian Team 🙏 pic.twitter.com/DpX4uMUDHo
सचिन तेंदुलकर ने प्रतिमा अनावरण के मौके पर अपनी जिंदगी से जुड़ी एक कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि यह 1983 की बात है और वेस्टइंडीज विश्व कप के बाद भारत आया था। तब काफी उत्साह था। यह कहानी शायद किसी ने नहीं सुनी होगी। बांद्रा में मेरे भाई के दोस्तों - जिनकी उम्र 30 या 40 के बीच होगी - ने मैच देखने का फैसला किया। इसमें बाद में मैं भी शामिल हो गया। मैंने नॉर्थ स्टैंड में बैठकर पूरे खेल का लुत्फ़ उठाया। तभी मैंने समूह में किसी को यह कहते हुए सुना- अच्छा मैनेज किया ना। मुझे एहसास हुआ कि उनके पास केवल 24 टिकट थे और हममें से 25 मैच देखने गए थे।