TATA ग्रुप होगा आईपीएल का नया टाइटल स्पॉन्सर, BCCI के साथ हुआ इतने करोड़ का करार

punjabkesari.in Tuesday, Jan 11, 2022 - 07:15 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत के सबसे बड़े व्यवसाय समूह में से एक टाटा समूह अगले दो साल तक चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो की जगह आईपीएल का टाइटल प्रायोजक होगा। आईपीएल की संचालन परिषद ने मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया। आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने कहा कि हां , टाटा समूह अब आईपीएल का प्रायोजक होगा।

सूत्रों के अनुसार टाटा समूह दो साल के लिए आईपीएल के टाइटल प्रायोजन करार के लिए 670 करोड़ रूपए देगा जबकि वीवो करार रद्द करने के लिए 454 करोड़ रूपए देगा। बीसीसीआई को 2022 और 2023 सत्र के लिए 1124 करोड़ रूपए मिलेंगे। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि बीसीसीआई आईपीएल के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि टाटा समूह की सौ साल से भी पुरानी विरासत है और छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में यह कार्यरत है।

समझा जाता है कि टाटा समूह 2023 में भी आईपीएल का टाइटल प्रायोजक रह सकता है क्योंकि 2020 में वीवो को ब्रेक दिया गया था। वीवो ने 2018 से 2022 तक आईपीएल के प्रायोजन अधिकार 2200 करोड़ रूपये में खरीदे थे लेकिन गलवान घाटी में 2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बाद वीवो ने एक साल का ब्रेक लिया था। उसकी जगह ड्रीम 11 प्रायोजक था। वीवो 2021 में फिर प्रायोजक बना हालांकि अटकलें लगाई जा रही थी कि वे उचित बोली लगाने वाले को अधिकार का हस्तांतरण करना चाहते हैं और बीसीसीआई ने इसका समर्थन किया।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बोर्ड को 2022 में 547 करोड़ रूपए और 2023 में 577 करोड़ रूपये मिलेंगे। प्राप्त सूचना के अनुसार वीवो ने 2022 और 2023 के टाइटल प्रायोजन करार के लिए 996 करोड़ रूपए का करार किया था। अब वैल्यू बढ़ गई क्योंकि आईपीएल में इस साल से दस टीमें होंगी। टाटा समूह 335 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष के हिसाब से 670 करोड़ रूपए देगा जिसमें से 301 करोड़ रूपए अधिकार फीस और 34 करोड़ रूपए मैचों की संख्या बढ़ने के होंगे।

वीवो ने चूंकि करार रद्द किया है तो अंतर की रकम यानी 183 करोड़ रूपए 2022 के लिए और 211 करोड़ रूपए 2023 के लिए उसे देने होंगे। इसके अलावा उसे दोनों साल छह प्रतिशत असाइनमेंट फीस भी देनी होगी। शाह ने कहा कि टाटा समूह की ही तरह बीसीसीआई भी क्रिकेट की भावना का दुनिया भर में प्रसार करना चाहता है और आईपीएल की बढती लोकप्रियता उसका एक उदाहरण है। हमें खुशी है कि भारत का सबसे बड़ा और सबसे विश्वसनीय व्यवसाय समूह आईपीएल के इस सफर में जुड़ गया है। हम टाटा समूह के साथ आईपीएल अैर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं।

आईपीएल के अधिकांश हितधारक वीवी के हटने से खुश हैं क्योंकि 2020 की घटना के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि आज नहीं तो कल ऐसा होना ही था क्योंकि इससे लीग और कंपनी दोनों का बुरा प्रचार हो रहा था। चीन के उत्पादों को लेकर नकारात्मक भावना को देखते हुए कंपनी को करार पूरा होने से एक सत्र पहले प्रायोजन से हटना पड़ा। बीसीसीआई प्रायोजन से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत अपने पास रखता है और बाकी राशि आईपीएल फ्रेंचाइजी के बीच बांटता है जिनकी संख्या दो नई टीम के इस साल से जुड़ने के बाद अब 10 हो गई है। 
 


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Content Writer

Raj chaurasiya

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