जय शाह के ICC अध्यक्ष बनने के बाद कौन होगा अगला BCCI सचिव, सामने आई अहम जानकारी
punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 03:36 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : अगर जय शाह अगले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करते हैं तो रोहन जेटली अगले बीसीसीआई सचिव के रूप में उनके उत्तराधिकारी बन सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात की जानकारी सामने आई है।
शाह को कथित तौर पर आईसीसी बोर्ड के 15 में से 16 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है और इसलिए उनका चुनाव महज औपचारिकता प्रतीत होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के वर्तमान अध्यक्ष रोहन के नाम पर आम सहमति है, जो दिवंगत राजनेता अरुण जेटली के बेटे हैं। हालांकि मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी सहित अन्य शीर्ष बीसीसीआई अधिकारी अपनी भूमिका में बने रहेंगे क्योंकि उनके पास अपने-अपने कार्यकाल में एक और साल बचा है।
क्या शाह नामांकन दाखिल करेंगे?
इस बात पर अभी भी सस्पेंस है कि शाह अगले आईसीसी चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभालने में रुचि रखते हैं या नहीं। उन्होंने अभी तक अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है और इसके लिए अंतिम तिथि 27 अगस्त है। निवर्तमान आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने हाल ही में पुष्टि की है कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए अपनी दावेदारी पेश नहीं करेंगे।
आईसीसी ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, 'आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने बोर्ड को पुष्टि की है कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए खड़े नहीं होंगे और नवंबर के अंत में अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने पर पद से हट जाएंगे। बार्कले को नवंबर 2020 में स्वतंत्र आईसीसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद उन्हें 2022 में फिर से चुना गया।'
आईसीसी का नेतृत्व कर चुके हैं ये भारतीय
आईसीसी बोर्डरूम में सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिने जाने वाले शाह वैश्विक क्रिकेट शासी निकाय की सभी शक्तिशाली वित्त और वाणिज्यिक मामलों (F&CA) उप-समिति का भी हिस्सा हैं। जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर ऐसे भारतीय हैं जो अतीत में आईसीसी का नेतृत्व कर चुके हैं। 35 वर्षीय शाह वैश्विक निकाय के अब तक के सबसे कम उम्र के प्रमुख बन सकते हैं।
आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 16 वोट होते हैं। विजेता के लिए 9 वोटों का साधारण बहुमत (51%) होना जरूरी है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए मौजूदा चेयरमैन को दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती थी।