देश के युवा गोल्फर क्षितिज ने दोबारा शुरू की तैयारी, बताया- लॉकडाउन से क्या हुआ असर

punjabkesari.in Friday, Oct 02, 2020 - 04:47 PM (IST)

नई दिल्ली: कोरोना काल के पिछले पांच महीनों की उदासी और खामोशी के बाद देश के गोल्फ कोर्स चहक उठे हैं। हालांकि गोल्फ कोर्स में कोरोना का भय देखा सकता है जब गोल्फर और गोल्फ किट ट्रॉली धकेलते कैडी मास्क लगाए दिखते हैं। इसी बीच देश के युवा गोल्फर क्षितिज कौल ने भी अपनी तैयारियां दोबारा शुरु कर दी है, जो लॉकडाउन के कारण रूक गई थी। क्षितिज बताते हैं कि उनके लिए कोरोना काल के कुछ महीने बहुत मुश्किल भरे गुजरे, क्योंकि घर में बंद होने की मजबूरी से वे प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे, हालांकि अब क्षितिज ने अपनी प्रैक्टिस शुरु कर दी है।



क्षितिज का कहना है कि उनका तीन महीने तो गोल्फ कोर्स में आना ही नहीं हुआ उन्हें घर के लॉन में ही प्रैक्टिस करनी पड़ी जो उनके लिए काफी कठिन वक्त था लेकिन अब गोल्फ कोर्स के खुल जाने से उन्हें काफी राहत मिली है। हालांकि अभी भी प्रोफेशनल टूर्नामेंट आयोजित नहीं हो रहे हैं। वे चाहते हैं कि जल्द ही टूर्नामेंट्स का आयोजन किया जाए, ताकि वो कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले सकें और अपना जलवा दिखा सकें। 



टाइगर वुड्स को अपना आदर्श मानने वाले क्षितिज के पिता संजय कौल नौसेना के पूर्व कैप्टन हैं। उनका मानना है कि गोल्फ अब देश में पैर पसार रहा है लेकिन कोरोना की वजह से गोल्फ खेलने वाले नए खिलाडिय़ों को काफी नुकसान हुआ है और ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर टूर्नामेेंट शुरु होने चाहिए।



क्षितिज के पिता नौसेना के पूर्व कैप्टन संजय कौल भी गोल्फ खेलने के शौकीन हैं। अपने बेटे को गोल्फ की बारीकियां समझाते हुए हमसे बोले कि वैसे भी गोल्फ एकांत का खेल है। फिर भी कोरोना की क्रूरता का शिकार हुआ। गोल्फ तो खुद से प्रतियोगिता करने और अपनी ही चुनौतियों को खुद ही फतह करने का खेल है। ये खेल इंजरी प्रॉन तो है लेकिन इसमें संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन तो करना ही था. इसलिए कोई भी खिलाड़ी इधर नहीं आ पाया। खैर अब वो काल पीछे छूट चुका है। खामोशी टूट रही है, जिंदगी अंगड़ाई लेने लगी है।

 


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Shivam

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