तीन घंटे में तिहरा शतक, आठ गेंदों में 8 छक्के, 11 गेंदों में अर्धशतक, 1009 रन की लीड, 250 साल पुराने रिकॉर्ड टूटे
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 02:06 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट के प्रथम श्रेणी इतिहास में रविवार का दिन स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया, जब मेघालय के बल्लेबाज आकाश कुमार चौधरी ने रणजी ट्रॉफी 2025 में ऐसा कमाल किया जो पिछले 250 वर्षों में किसी खिलाड़ी ने नहीं किया था। अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मैच में उन्होंने लगातार आठ छक्के जड़ते हुए सिर्फ 11 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने गैरी सोबर्स, माइक प्रॉक्टर, और रवि शास्त्री जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, और क्रिकेट जगत को रोमांच और गर्व से भर दिया।
आकाश चौधरी ने रचा इतिहास
सूरत के सी.के. पीठावाला मैदान में खेले गए रणजी ट्रॉफी मुकाबले में मेघालय के आठवें नंबर के बल्लेबाज आकाश कुमार चौधरी ने इतिहास रच दिया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाज लिमर डाबी और टी.एन.आर. मोहित की गेंदों पर लगातार आठ छक्के लगाकर एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड बनाया जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था। सिर्फ यही नहीं, उन्होंने 11 गेंदों में अर्धशतक पूरा करते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे तेज़ 50 रन बनाने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। उनकी इस आक्रामक बल्लेबाज़ी ने न केवल मैच का रुख बदल दिया, बल्कि रणजी ट्रॉफी को चर्चा के केंद्र में ला दिया।
250 साल पुराने रिकॉर्ड का अंत
आकाश का यह कारनामा उस रिकॉर्ड को तोड़ गया जो 1968 से कायम था। उस समय सर गैरी सोबर्स ने इंग्लैंड की काउंटी चैंपियनशिप में एक ओवर में छह छक्के लगाकर नया इतिहास रचा था। 17 साल बाद, रवि शास्त्री ने 1984-85 रणजी सीज़न में बड़ौदा के तिलक राज के खिलाफ छह छक्के लगाकर उस उपलब्धि की बराबरी की थी। अब, 2025 में आकाश ने इन दोनों महान खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए लगातार आठ छक्के लगाने वाले प्रथम खिलाड़ी बनकर इतिहास की नई परिभाषा लिख दी।
कमजोर विपक्ष के बावजूद असाधारण उपलब्धि
भले ही यह रिकॉर्ड एक अपेक्षाकृत कमजोर टीम अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ बना हो, लेकिन यह उपलब्धि किसी भी रूप में कम नहीं आंकी जा सकती। अरुणाचल ने अब तक खेले गए 40 मैचों में सिर्फ़ एक जीत दर्ज की है, जबकि 35 मुकाबलों में उन्हें हार झेलनी पड़ी है। फिर भी, आकाश की पारी ने यह साबित किया कि क्रिकेट में हर खिलाड़ी के पास किसी भी दिन इतिहास रचने की क्षमता होती है।
पूर्वोत्तर टीमों में रिकॉर्ड की बरसात
लोढ़ा समिति के सुधारों के बाद 2018-19 से रणजी ट्रॉफी में शामिल की गई नई पूर्वोत्तर टीमें अक्सर ऐसे “अनबैलेंस्ड” मुकाबलों का हिस्सा बन रही हैं, जिनमें विश्व रिकॉर्ड टूट रहे हैं। उदाहरण के लिए, 2022-23 सीजन में मुंबई ने उत्तराखंड को 725 रनों के अंतर से हराकर दुनिया की सबसे बड़ी प्रथम श्रेणी जीत दर्ज की। उसी सीज़न में झारखंड ने नागालैंड को 1,009 रनों का लक्ष्य देकर ध्वस्त किया जो किसी भी प्रथम श्रेणी मुकाबले में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर था।
तन्मय अग्रवाल का विस्फोटक प्रदर्शन
2023-24 सीजन में हैदराबाद के तन्मय अग्रवाल ने भी इसी तरह का धमाका किया था। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 181 गेंदों पर 366 रन ठोके, जिसमें 147 गेंदों में तिहरा शतक और 26 छक्कों का नया विश्व रिकॉर्ड शामिल था। इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि रणजी ट्रॉफी के नए स्वरूप में पूर्वोत्तर टीमें बड़े-बड़े रिकॉर्डों की गवाह बन रही हैं।

