अर्शदीप ने बताया टी-20 विश्व कप में अपनी सफलता का राज, इस भारतीय गेंदबाज को दिया श्रेय

punjabkesari.in Monday, Oct 31, 2022 - 11:19 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह मौजूदा टी20 विश्व कप में टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे रहे हैं। वह अभी तक तीन मैचों में अपनी शानदार फॉर्म का परिचय देते हुए कुल 7 विकेटें चटका चुके हैं। अर्शदीप ने पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने दोनों शुरुआती ओवरों में  पाक कप्तान बाबर आजम और अफ्रिकी धूरंधर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक जैसे शीर्ष बल्लेबाजों की विकेट चटकाते हुए महत्वपूर्ण प्रहार किए। इस टूर्नामेंट में अर्शदीप अपनी सफलता का श्रेय किसी ओर को नहीं, बलकि मौजूदा भारतीय टीम में शामिल गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को दिया है।

अर्शदीप का कहना है कि अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर पावरप्ले के ओवरों में लगातार दबाव बना रहे हैं जिससे उनके लिए विकेट हासिल करना आसान हो गया है। अर्शदीप ने जहां तीन मैचों में 7.83 की इकॉनमी रेट से सात विकेट लिए हैं, वहीं भुवनेश्वर ने इतने मैचों में तीन विकेट लेने के बावजूद 10.4 ओवरों में 4.87 की इकॉनमी रेट से शानदार प्रदर्शन किया है।

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अर्शदीप ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,"हम बल्लेबाजों की कमजोरियों का अध्ययन करते हैं और मैं और भुवी भाई पहले कुछ स्विंग करने की कोशिश करते हैं और शुरुआत में बल्लेबाज को मात देते हैं। मैं बल्लेबाज पर हमला करने में सक्षम हूं, क्योंकि भुवी भाई इतनी किफायती गेंदबाजी कर रहे हैं कि बल्लेबाज पहले से ही दबाव में है।" 

अर्शदीप ने कहा, "मेरी सफलता का श्रेय उन्हें जाता है। बल्लेबाज उनके (भुवनेश्वर) के खिलाफ जोखिम नहीं उठा रहे हैं और मेरे खिलाफ चांस लेते हैं। इसलिए हमने अच्छी साझेदारी की है। गेंदबाजी साझेदारी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि बल्लेबाजी साझेदारी। जब आप पहले विकेट लेते हैं तो आप आत्मविश्वास महसूस करते हैं और टीम भी आपकी क्षमताओं पर भरोसा करती है।" 

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ मैच में अर्शदीप ने पर्थ ट्रैक को सबसे तेज पाया। उन्होंने कहा, "यह गेंदबाजी करने के लिए शानदार ट्रैक था। यह किसी भी तेज गेंदबाज के लिए एक ड्रीम विकेट था और शायद मेरे करियर में अब तक की सबसे तीखी पिचें। इस ट्रैक पर हर गेंदबाज के लिए लेंथ बदल जाती है। जिस दिन गेंद थोड़ी घूमती है, आप उस दिन फुल लेंथ  गेंदबाजी करना चाहेंगे और जब ट्रैक से कोई मदद नहीं होती है, तो आप सामान्य हार्ड लेंथ से गेंदबाजी करते हैं।"

दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ 18वां ओवर सीनियर स्पिनर आर अश्विन ने डाला था, जिसमें वह महंगे साबित हुए और भारत के पास अंतिम दो ओवरें में डिफेंड करने के लिए मात्र 11 रन बचे। 18वां ओवर अश्विन से करवाए जाने के सवाल को अर्शदीप ने दरकिनार कर दिया।

अर्शदीप ने इस कदम के बचाव में कहा,"अगर आप पांच गेंदबाजों को खेल रहे हैं, तो जहां भी रोहित भाई को लगा कि उन्हें अश्विन को लाना चाहिए, उन्होंने ऐसा किया।"

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रविवार को दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 134 रनों का लक्षय दिया था, लेकिन इसे छोटे स्कोर को डिफेंड करते हुए भारत अंतिम ओवर में यह मैच 5 विकेट से हार गया। यह पूछे जाने पर कि क्या 145 का स्कोर एक बचाव योग्य लक्ष्य हो सकता था? अर्शदीप ने कहा, "यह अगर और लेकिन का मामला है, हो सकता है कि 133 काफी अच्छा होता और कभी-कभी 160 भी कम लगता है। इसलिए जब तक आप 145 स्कोर नहीं करते, आपको पता नहीं चलेगा।"


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Content Editor

Ramandeep Singh

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