Bye Bye 2019: सालभर छाई रहीं ये स्टार महिला खिलाड़ी, दुनियाभर में बढ़ाया देश का मान

punjabkesari.in Sunday, Dec 22, 2019 - 04:26 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: यूं तो वक्त कितनी जल्दी पंख लगाकर उड़ता ही चला जाता है, पता ही नहीं चलता। वही अब 2019 का साल खत्म होने की दहलीज पर आ गया है। पूरे साल की खेल जगत की उपलब्धियों पर नजरें डालें तो हम पाते है कि इस साल हुए बड़े खेल आयोजनों के जरिए भारतीय खिलाड़ियों और विदेशी प्लेयर्स ने विदेशी जमीं पर बड़ी शान के साथ अपने देश का तिरंगा लहराया है और अपनी ताकत का अहसास पूरी दुनिया को करवाया है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि वो विश्व के कौनसे ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने पूरी दुनिया पर अपने खेल से सबको हैरान किया और अपना नाम को सुर्खियों में रखा। जी हां, तो चलिए आज हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंंने इस साल खेल के मैदान पर अपनी कामयाबी का परचम लहराया है। 

इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है हिमा दास का..
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ढिंग एक्सप्रेस के नाम से मशहूर एथलेटिक्स खिलाड़ी हिमा दास ने एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वालीं हिमा दास अब देश युवा एथलीटों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। 19 साल की हिमा दास ने भले ही इस साल बड़े स्तर का एक टूर्नामेंट चोट की वजह से छोड़ दिया हो, लेकिन वो इस साल छोटे इवेंट में तमाम मेडल अर्जित कर चुकी हैं। बता दें कि महज 18 साल की उम्र में हिमा दास ने अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। 

दूसरे नंबर पर नाम आता है स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का
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भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक पुसरला वेंकटा सिंधु (पीवी सिंधु) का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद आंध्र प्रदेश में हुआ। सिंधु ने 8 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन का अभ्यास शुरू कर दिया था। सिंधु ने बैडमिंटन के खेल में जहां अनेक पुरस्कार जीते, वहीं उनकी योग्यता और उपलब्धियों के कारण भी उन्हें अनेक सम्मान प्राप्त हुए। आपको बता दें कि इस साल विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय बैडमिंटन में एक और नया अध्याय जोड़ दिया। पिछले 42 वर्षों में जो कोई नहीं कर सका वह इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने कर दिखाया। वह विश्व चैंपियन बनने वाली देश की पहली शटलर बनीं। 

तीसरे नंबर पर नाम है चैंपियन महिला बॉक्सर मैरी कॉम का 
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राज्यसभा की सदस्य और 3 बच्चों की मां चंग्नेइजैंग मैरी कॉम मैंगते (एम सी मैरी कॉम) का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर में हुआ। आपको बता दें कि मैरी कॉम 6 बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। वही 2012 के लंदन ओलम्पिक मे उन्होंने काँस्य पदक जीता था। उनको खेल-कूद का शौक बचपन से ही था और उनके ही प्रदेश के मुक्केबाज डिंग्को सिंह की सफलता ने उन्हें मुक्केबाज बनने के लिए और प्रोत्साहित कर दिया। 

चौथे नंबर पर है रेसलिंग खिलाड़ी विनेश फोगाट का 
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रियो ओलम्पिक में मेडल से चुकने के बाद विनेश फोगट ने अपनी घुटने की चोट से उभर कर एशियाई खेलों में गोल्ड के साथ वापसी की। वह भारत की तरफ से पहली महिला रेसलर हैं जिसने इन खेलों में गोल्ड जीता। इतना ही नहीं साल 2019 में एशियाई रेसलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य जीत कर देश का मान बनाये रखा। 


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neel

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