दिल्ली रणजी टीम की चयन बैठक में हंगामा, बैठक स्थगित
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 05:53 PM (IST)

नई दिल्ली : मंगलवार शाम दिल्ली की रणजी ट्रॉफी और अंडर-23 टीमों के लिए हुई चयन बैठक बिना पूरा हुए हंगामे के बीच अचानक समाप्त हो गई, जिसमें DDCA के कोषाध्यक्ष हरीश सिंगला और निदेशक मंजीत सिंह व आनंद वर्मा ने इसकी प्रक्रिया का विरोध किया। इस बैठक में DDCA के सचिव अशोक शर्मा, संयुक्त सचिव अमित ग्रोवर, दिल्ली सीनियर चयन समिति के सदस्य यशपाल सिंह, केपी भास्कर और मनु नायर के साथ-साथ दिल्ली सीनियर टीम के मुख्य कोच शरनदीप सिंह और अंडर-13 मुख्य कोच शंकर सैनी मौजूद थे।
कोषाध्यक्ष और दोनों निदेशकों ने DDCA के लोकपाल द्वारा 2023 में दिए गए एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि चयन समिति की बैठक में DDCA से जुड़ा कोई भी अधिकारी नहीं शामिल हो सकता है। वहीं सचिव शर्मा का कहना है कि यह परंपरा है कि हर साल जब भी चयन समिति की बैठक होती है तो उसे सचिव ही बुलाता और संचालित करता है। बैठक स्थगित होने के बाद सचिव ने DDCA अध्यक्ष रोहन जेटली को एक पत्र भी लिखा है।
उन्होंने अपने ई-मेल पत्र में लिखा, 'हाल ही में हुई चयन प्रक्रिया ने DDCA चयन समिति के कामकाज को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। स्थापित परंपराओं और बीसीसीआई के दिशानिर्देशों के विपरीत एपेक्स काउंसिल के सदस्यों ने अपनी भूमिका के दायरे से आगे बढ़कर कुछ ऐसा किया है, जिससे चयन समिति की स्वायत्तता और विश्वसनीयता कमज़ोर हुई है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि चयन प्रक्रिया पर पुनर्विचार करें और यह सुनिश्चित करें कि यह BCCI द्वारा अपनाए गए नियमों और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करे।
हाल ही में हुई चयन समिति की बैठक में पिछली परंपराओं से हटकर काम हुआ। पहले सिफऱ् सचिव और संयुक्त सचिव ही बैठक में उपस्थित रहते थे, लेकिन इस बार कुछ निदेशक भी बैठक में मौजूद थे। इससे पक्षपात और अनुचित प्रभाव की संभावना को लेकर चिंता बढ़ गई है। ख़ासतौर पर जब एक निदेशक की मौजूदगी इसलिए भी सवाल उठाती है क्योंकि उनके परिवार का एक सदस्य चयनित होने का उम्मीदवार है।'
वहीं निदेशक मंजीत ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि वे बैठक में सिफऱ् इसलिए पहुंचे थे क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि बैठक में चयन समिति और कोचों के अलावा कोई पदाधिकारी भी इसमें शामिल हो, क्योंकि यह DDCA के नियमों के विरूद्ध है। उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई और अन्य राज्यों का नियम अलग हो सकता है और वहां की चयन समिति की बैठकों में सचिव भाग भी लेते होंगे या उसे बुलाते होंगे। लेकिन DDCA के लोकपाल ने 2023 के आदेश में यह स्पष्ट कहा है कि चयन समिति की बैठक में कोचों और चयन समिति के सदस्यों के अलावा कोई भी भागीदार नहीं हो सकता है। अगर ऐसा हो रहा है तो इसका अर्थ यह है कि वह चयन प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है या करना चाहता है।'
एक क्रिकेटर के चयन के लिए परिवारवाद का आरोप लगने पर मंजीत ने कहा, 'यह चयन बैठक रणजी संभावितों के चयन के लिए थी, ना कि मुख्य टीम के लिए। अगर मुख्य टीम के लिए यह चयन बैठक होती और मैं उसमें हस्तक्षेप करता, तब इन आरोपों में कोई दम नहीं होता। हम तो उस बैठक में सिफऱ् इसलिए पहुंचे थे ताकि DDCA के नियमों के अनुसार उस बैठक में चयन समिति के सदस्यों और कोचों के अलावा कोई भी हिस्सा ना ले।'
वहीं लोकपाल के 2023 के आदेश के सवाल पर सचिव अशोक ने कहा, 'यह आदेश सिफऱ् तत्कालीन सचिव सिद्धार्थ साहिब सिंह के लिए थे क्योंकि उन पर उस समय हितों के टकराव, भ्रष्टाचार, अधिकारों के दुरुपयोग और चयन प्रक्रिया में अनुचित प्रभाव डालने के आरोप लगाए गए थे। यह अन्य आगे आने वाले सचिवों पर लागू नहीं होता है।'
उन्होंने इस संबंध में एक और पत्र अध्यक्ष जेटली को लिखा है, जिसमें उन्होंने अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि वह ना तो कोई क्रिकेट एकेडमी चलाते हैं और ना उससे जुड़े हुए हैं। इसके अलावा ना ही उनका DDCA या बीसीसीआई के नियमों से कोई अन्य हितों का टकराव है। उन पर कोई अन्य शिकायत भी नहीं है, इसलिए उन पर वह अंतरिम आदेश लागू भी नहीं होता। रणजी ट्रॉफी 15 अक्तूबर से शुरू हो रही है।