9 महीने बीतने के बावजूद पंजाब सरकार ने नहीं दिया 50 लाख का ईनाम: पैरा-एथलीट मोहम्मद यासिर

punjabkesari.in Monday, Jul 29, 2019 - 04:15 AM (IST)

जालंधर/संदौड़(ऋषि): पैरा-एशियन खेल 2018 में सिल्वर मैडल जीत कर शाटपुटर मोहम्मद यासिर उर्फ जस्सी ने जकार्ता में देश का नाम चमकाया था। जस्सी के साथ कुदरत ने 5 साल की उम्र में ही बाईं बाजू काटकर बेइंसाफी कर दी थी परंतु इस योद्धे ने हार नहीं मानी और 70 प्रतिशत अपंग होने के बावजूद उसने वह कर दिखाया जो पूर्ण नौजवान भी नहीं कर पाते। जब उसने सिल्वर जीत कर देश और राज्य का सम्मान बढ़ाया था उस समय कैप्टन सरकार ने उसे 50 लाख रुपए की ईनामी राशि देने का ऐलान किया था परंतु आज तकरीबन 9 महीने बीत जाने के बावजूद जस्सी को उक्त राशि हासिल नहीं हुई जिस कारण वह बहुत ही निराश है। 
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‘पंजाब केसरी’ के साथ हुई विशेष बातचीत में जस्सी ने बताया कि उसकी प्राप्तियों को देखते हुए पंजाब के खेल मंत्री ने अपने दफ्तर बुलाकर उसे प्रोत्साहित किया था और जल्द ही 50 लाख रुपए का नकद ईनाम देने का भरोसा दिया था जिसको आज तक पूरा नहीं किया गया। उसने बताया कि केंद्र सरकार ने हालांकि उस समय 10 लाख रुपए के ईनाम की घोषणा की जिसे तुरंत पूरा कर दिया था।
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बराबर का तमगा जीतने वाले हरियाणा के खिलाड़ी को मिल चुका 1 करोड़ का नकद ईनाम व नौकरी
पंजाब सरकार ने चाहे इस पैरा-खिलाड़ी की तरफ दया की नजर से नहीं देखा और नौकरी तो क्या किसी ने प्रोत्साहित भी नहीं किया, जबकि इसके बराबर तमगा जीतने वाले पड़ोसी राज्य हरियाणा के खिलाड़ी सुधीर को वहां की सरकार ने हफ्ते के अंदर ही 1 करोड़ की राशि और कोच की नौकरी दे दी थी। पंजाब की तरफ से की जा रही लापरवाही के चलते उसके मनोबल को बड़ी चोट लग रही है। 

खुद करना पड़ रहा है खेल पर खर्चा, सिर पर है 5 लाख का कर्ज 
मोहम्मद यासिर उर्फ जस्सी ने बताया कि उसके पिता सौदागर खान जो एक छोटे किसान हैं और सिर्फ 3 एकड़ जमीन पर कृषि कर रहे हैं तथा इसमें से ही पढ़ाई कर रही 2 बहनों समेत परिवार का सारा खर्चा चलाते हैं ऐसी हालत में उसकी खेल पर सारा खर्चा उसको खुद ही करना पड़ रहा है। इस कारण उन पर करीब 5 लाख का कर्ज है परंतु फिर भी एक मजबूर बाप ने 2020 के पैरा-ओलिम्पिक में देश का नाम रोशन करने का स्वप्न देखा है जिसको सत्य करने के लिए वह अपने प्रशिक्षक हरमिन्द्र सिंह घुम्मन के नेतृत्व में सख्त मेहनत कर रहा है। जस्सी ने बताया कि वह प्रतिदिन 7-8 घंटे अभ्यास करता है। यदि सरकार नौकरी देकर रोटी का प्रबंंध ही कर देती तो वह अपना पूरा ध्यान बिना किसी चिंता के ग्राऊंड में अभ्यास पर लगा सकता था। 

जस्सी की प्राप्तियों पर एक नजर 
मोहम्मद यासिर ने साल 2016 में पैरा-नैशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और शाटपुट एफ 46 में शानदार प्रदर्शन कर सोने का तमगा जीता। साल 2017 में 7वीं पैरा-नैशनल चैम्पियनशिप में शाटपुट में सोने का तमगा जीता। साल 2017 में चीन के बीजिंग शहर में वर्ल्ड पैरा-एथलैटिक्स ग्रां. प्री. में कांस्य का पदक हासिल किया। 2017 में ही इंगलैंड के शहर लंदन में हुई पैरा-वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर पूरे विश्व के खिलाड़ियों में 7वां स्थान हासिल किया। साल 2018 में जकार्ता में हुई पैरा-एशियन खेलों में शाटपुट में कांस्य पदक जीता। पैरा-स्टेट पंजाब खेल की जैवलिन थ्रो, शाटपुट और डिस्कस थ्रो में हिस्सा लेकर उसने 1 सोने व 1 चांदी का पदक अपने नाम किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी खेलों में डिस्कस थ्रो और शाटपुट में स्वर्ण पदक जीत कर पंजाब का मान बढ़ाया। दुबई में हुए फरवरी 2018-फाजा कप में डिस्कस थ्रो तथा शाटपुट दोनों में सिल्वर मैडल जीता। अफ्रीका में 2018 में हुई पैरा-वल्र्ड ग्रां. प्री. की शाटपुट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और उसके बाद लंदन पैरा-एथलैटिक्स, पैरा-वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया। 2018 जकार्ता पैरा-एशियन खेलों में कांस्य पदक जीता। 


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Pardeep

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