अंशुमान गायकवाड़ के इलाज के लिए भावुक कपिल देव ने BCCI से लगाई गुहार

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2024 - 05:16 PM (IST)

खेल डैस्क : ब्लड कैंसर से जझ रहे और चिकित्सा खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और कोच अंशुमान गायकवाड़ की स्थिति से विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव परेशान हैं। कपिल ने कहा कि जब हम यह जानने के लिए उनके पहुंचे कि गायकवाड़ के समकालीन उनकी मदद के लिए क्या कर रहे हैं। तो हमें स्थिति दुखद लगी। कपिल ने कहा कि मैं दर्द में हूं क्योंकि मैं औंशू के साथ खेला हूं और उसे इस हालत में देखना बर्दाश्त नहीं कर सकता। किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। मुझे पता है कि बोर्ड उसका ख्याल रखेगा।


कपिल, मोहिंदर अमरनाथ, सुनील गावस्कर, संदीप पाटिल, दिलीप वेंगसरकर, मदन लाल, रवि शास्त्री और कीर्ति आज़ाद गायकवाड़ को उनके कठिन समय में समर्थन देने के लिए सक्रिय रूप से दोस्तों और कॉरपोरेट्स से संपर्क कर रहे हैं। भावुक कपिल ने कहा कि हम किसी को मजबूर नहीं कर रहे हैं। औंशू के लिए कोई भी मदद आपके दिल से आनी चाहिए। कुछ खतरनाक तेज गेंदबाजों के सामने खड़े होने पर उसने अपने चेहरे और छाती पर वार झेले हैं। अब समय आ गया है कि हम उसके लिए खड़े हों। मुझे यकीन है कि हमारे क्रिकेट प्रशंसक उन्हें निराश नहीं करेंगे, उन्हें उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

 

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ऐसी स्थितियों से कैसे निपटा जाए, सवाल पर कपिल ने सुझाव दिया कि दुर्भाग्य से, हमारे पास कोई प्रणाली नहीं है। हमारे समय में बोर्ड के पास पैसा नहीं था। लेकिन आज स्थिति अलग है। उन्हें (बीसीसीआई) अतीत के वरिष्ठ खिलाड़ियों का ख्याल रखना चाहिए। एक ट्रस्ट का गठन करने पर कपिल ने उम्मीद की कि प्रशंसकों और पूर्व खिलाड़ियों को इसमें कुछ-कुछ योगदान देना चाहिए। अगर कोई ट्रस्ट बनता है तो वे अपना पैसा वहां लगा सकते हैं। लेकिन हमारे पास कोई सिस्टम नहीं है। एक ट्रस्ट होना चाहिए। मुझे लगता है कि बीसीसीआई वह कर सकता है। वे पूर्व और वर्तमान खिलाड़ियों की देखभाल करते हैं।

 

कपिल देव ने कहा कि अगर परिवार हमें अनुमति देता है तो हम अपनी पेंशन राशि दान करके योगदान देने के लिए तैयार हैं। बोर्ड को पूर्व खिलाड़ियों के मेडिकल मामलों को संभालने के लिए प्रतिष्ठित क्रिकेटरों की तीन सदस्यीय समिति बनानी चाहिए और यह तय करना चाहिए कि कौन वित्तीय मदद का हकदार है। मेरी पीढ़ी और पिछली पीढ़ी के क्रिकेटरों ने क्रिकेट खेलकर पर्याप्त पैसा नहीं कमाया। उनमें से कई गरीबी में जीए और मर गए। चिकित्सा उपचार से निपटने के दौरान हमें उनकी देखभाल करनी चाहिए। अगर हम अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करेंगे तो कौन करेगा?

 

बता दें कि 71 वर्षीय गायकवाड़ ने 22 साल के करियर में 40 टेस्ट और 205 प्रथम श्रेणी मैच खेले। बाद में उन्होंने भारतीय टीम के कोच का पद संभाला। उनके शानदार पल 1998 में शारजाह और फ़िरोज़शाह कोटला में आए। उनके कोच रहते अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में सभी 10 विकेट लिए थे। 
 


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Content Writer

Jasmeet

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