''सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली भी नहीं टिक पाते'': पूर्व भारतीय स्टार ने कोलकाता पिच की आलोचना की

punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 11:17 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : कोलकाता के ईडन गार्डन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली 30 रनों की हार ने भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी को एक नई बहस के केंद्र में ला दिया है। मुश्किल पिच पर 124 रनों के आसान लक्ष्य के बावजूद टीम इंडिया केवल 93 रन पर सिमट गई, जिससे क्रिकेट विशेषज्ञों ने पिच तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए। मैच महज़ तीन दिनों में दो सत्रों के अंदर समाप्त हो गया, और इसी के साथ पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने खुलकर कहा कि ऐसी पिचें टेस्ट क्रिकेट की आत्मा को खत्म कर रही हैं। 

भारत की बल्लेबाजी और पिच दोनों पर उठे सवाल 

पहले टेस्ट की पिच शुरुआत से ही बल्लेबाजों के लिए चुनौती साबित हुई। गेंद अनियमित उछाल के साथ हर ओवर में अलग तरह से व्यवहार कर रही थी, जिसमें भारतीय बल्लेबाज तालमेल नहीं बैठा सके। दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाए रखा और भारतीय पारी केवल 93 रन तक सिमट गई। इस हार ने पिच की गुणवत्ता को लेकर चर्चा को और तेज कर दिया क्योंकि इतने कम लक्ष्य का पीछा करते हुए भी टीम इंडिया टिक नहीं पाई।

हरभजन सिंह का तीखा रिएक्शन: “भारत में टेस्ट क्रिकेट खत्म हो गया” 

यूट्यूब चैनल पर अपनी राय रखते हुए हरभजन सिंह ने कहा कि भारतीय पिचें टेस्ट क्रिकेट को बदनाम कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की सतहें खेल की वास्तविक भावना को नष्ट कर देती हैं। हरभजन ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट अब भारत में लगभग खत्म हो गया है। ऐसी पिचें देखकर लगता है कि खेल की खूबसूरती ही खत्म हो चुकी है। इंग्लैंड की पिचों पर मैच रोमांचक होते हैं, गेंद और बल्ले दोनों का मुकाबला देखने को मिलता है, लेकिन यहां तो मुकाबला सिर्फ पिच से होता है।” उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि तकनीक की कोई भूमिका नहीं रह जाती जब गेंद एक ही स्पेल में ऊपर-नीचे और बेतहाशा घूमती हुई आए।

"कोहली और तेंदुलकर भी टिक नहीं पाते ऐसी पिच पर" 

हरभजन सिंह ने यह भी कहा कि ऐसी पिचों पर महान से महान बल्लेबाज़ भी संघर्ष करेंगे। उनके अनुसार, इन सतहों पर केवल किस्मत चलती है, तकनीक या कौशल नहीं। उन्होंने कहा, “चाहे आप सचिन तेंदुलकर हों या विराट कोहली ऐसी पिचों पर कोई टिक ही नहीं सकता। एक गेंद ऊपर उठेगी, अगली नीची रहेगी और तीसरी अजीब तरह से घूमेगी। यहाँ बल्लेबाज़ क्या कर सकता है?” उनका मानना है कि भारत में कई सालों से ऐसी पिचें बन रही हैं, और यह आदत अब खेल के स्तर को नीचे खींच रही है।

भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप शो: सुंदर ही एकमात्र चमक 

दूसरी पारी में वाशिंगटन सुंदर ने 31 रन बनाकर टीम की ओर से सर्वाधिक स्कोर किया। बाकी बल्लेबाज स्पिन और तेज गेंदबाजी दोनों के सामने टिक नहीं पाए। यह प्रदर्शन घरेलू परिस्थितियों में भारत की कमज़ोरी को उजागर करता है और टीम मैनेजमेंट को भी कठघरे में खड़ा करता है।


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Content Writer

Sanjeev

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