49 साल के हुए टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़, देखें टेस्ट में द वॉल की बेहतरीन पारियां
punjabkesari.in Tuesday, Jan 11, 2022 - 11:33 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : 'द वॉल' के नाम से जाने जाते पूर्व भारतीय क्रिकेटर और टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। द्रविड़ भारतीय टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं। अपने क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने बहुत सी यादगाद पारियां खेली और टीम को जीत भी दिलाई। आईए जानते हैं द्रविड़ से जुड़ी टेस्ट क्रिकेट करियर की कुछ खास पारियों के बारे में -
1. जब कोई द्रविड़ की सबसे बड़ी पारियों के बारे में सोचता है तो 2001 में ईडन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 180 रनों की पारी को दिमाग में जरूर आती है। बल्लेबाज की इस पारी को अभी भी खेल के सबसे लंबे प्रारूप में सबसे गंभीर पारियों में से एक के रूप में देखा जाता है। ऑस्ट्रेलिया खेल के अधिकांश समय द्रविड़ फ्रंट सीट पर थे और पहला टेस्ट हारने के बाद मैच भारत के लिए जरूरी था। ईडन गार्डन्स पर ऑस्ट्रेलियाई टीम का पूरा नियंत्रण था क्योंकि उन्होंने फॉलो-ऑन दिया था।
पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 445 रन के जवाब में भारत 171 रन पर ढेर हो गया। दूसरी पारी में भारतीय सलामी बल्लेबाज आउट हो गए और तब द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण बचाव कार्य के साथ आए। किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि यह जोड़ी टीम के लिए 'चमत्कार' का निर्माण करेगी। दोनों बल्लेबाजों ने 376 रन की साझेदारी की। लक्ष्मण और द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर दिया जिसमें शेन वार्न और ग्लेन मैकग्राथ शामिल थे।
2. 2004 में रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 270 रनों की पारी एक और शानदार पारी थी। तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर थी और भारतीय पक्ष पर पाकिस्तान में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीत दर्ज करने का दबाव था। द्रविड़ ने पहले दो टेस्ट के लिए कप्तान की भूमिका निभाई थी। तीसरे टेस्ट में नियमित कप्तान सौरव गांगुली टीम में लौट आए। द्रविड़ पहले आयोजित दो मैचों में संपर्क से बाहर थे और खेल में पूर्व भारतीय कप्तान ने 200 से अधिक की पारी के साथ अपने आलोचकों को फटकार लगाई। मैच की पहली गेंद पर वीरेंद्र सहवाग को पवेलियन भेजा गया और उसके बाद 'द वॉल' ने मोर्चा संभाल लिया। उनकी दस्तक ने भारत को खेल जीतने में सक्षम बनाया और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
3. द्रविड़ की सबसे कम रेटिंग वाली पारियों में से एक 2011 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ उनकी 146 रनों की पारी है। भारत के बल्लेबाजों की बल्ले से खराब श्रृंखला थी और अंतिम मैच में टीम 0-3 से नीचे थी। नियमित सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर चोटिल हो गए थे जिसके चलते द्रविड़ फिर से बल्लेबाजी करने उतरे। भारत नियमित अंतराल पर विकेट खोता रहा, लेकिन द्रविड़ ने मैदान पर पैर जमाए रखे और 146 रनों की नाबाद पारी खेली। उनकी पारी भारत के लिए मैच को बचाने में सक्षम नहीं थी, लेकिन यह बल्लेबाज अग्रणी रन-स्कोरर बन गया।
गौर हो कि द्रविड़ एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो 300 से अधिक एकदिवसीय साझेदारियों में भाग लिया है। उन्होंने भारत के लिए 164 टेस्ट, 344 एकदिवसीय और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है। बल्लेबाज ने अंततः मार्च 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने 48 अंतरराष्ट्रीय शतकों के साथ अपना करियर समाप्त किया।