बांग्लादेश में क्रिकेटर मशरफे मुर्तजा के घर में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2024 - 07:23 PM (IST)
खेल डैस्क : बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के पूर्व क्रिकेट कप्तान मशरफे बिन मुर्तजा पर गुस्सा दिखाया है। गुस्साए लोगों ने मुर्तजा के घर को आग लगा दी है। यह घटना प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और सोमवार को बांग्लादेश छोड़ने के बाद हुई। बांग्लादेश में अभी अराजकता और अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि खुलना डिवीजन में नरैल-2 निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य मुर्तजा ने इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनावों के दौरान अवामी लीग के उम्मीदवार के रूप में लगातार दूसरी बार अपनी सीट जीती थी। माना जा रहा है कि मुर्तजा ने छात्रों के प्रदर्शन और सामूहिक गिरफ्तारियों पर चुप्पी साधे हुए थी, इससे प्रदर्शनकारी निराश थे।
कौन है मशरफे बिन मुर्तजा
बांग्लादेश के महानतम क्रिकेटरों में से एक माने जाने वाले मुर्तजा ने अपने करियर में 36 टेस्ट, 220 वनडे और 54 टी20ई खेले। उन्होंने सभी प्रारूपों में 117 मैचों में राष्ट्रीय टीम की कप्तानी की जो किसी भी बांग्लादेशी खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है। अपने शानदार करियर के दौरान मुर्तजा ने 390 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए और 2,955 रन बनाए। वह अपनी गति, सटीकता और गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे। मुर्तजा के नेतृत्व कौशल की भी बहुत प्रशंसा की गई, क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश को कई यादगार जीत दिलाई।
MP Mashrafe Mortaza, former Bangladeshi fast bowler house was set on fire.#ICC #bangladeshcricket#AllEyesOnBangladeshiHindus #AllEyesOnBangladesh pic.twitter.com/AAD5OnOoc2
— CR 7 (@AnmolKumar3602) August 5, 2024
2018 में राजनीति से जुड़े मुर्तजा
खेल से संन्यास लेने के बाद मुर्तजा 2018 में राजनीति में शामिल हुए। मुर्तजा के घर पर हमले ने तस्वीर साफ कर दी है कि यहां राजनीतिक संकट गंभीर होता जा रहा है। जैसे-जैसे राजनीतिक स्थिति सामने आ रही है, बांग्लादेश का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। सेना ने अंतरिम सरकार बनाने में मदद के लिए कदम बढ़ाया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या इससे देश में स्थिरता आएगी या अशांति बढ़ेगी। बता दें कि पिछले 30 वर्षों में से 20 वर्षों तक बांग्लादेश पर शासन करने वाली हसीना ने सरकारी नौकरी कोटा योजना पर छात्रों के भारी विरोध के बीच पद छोड़ दिया।