राशिद खान की बुलेटप्रूफ जिंदगी: अपने ही देश में बिना सुरक्षा नहीं घूम सकते स्टार क्रिकेटर
punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 04:53 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क: दुनिया के ज़्यादातर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के लिए शोहरत का मतलब होता है तालियां, लोकप्रियता और लग्ज़री लाइफ। लेकिन अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर राशिद खान के लिए यही शोहरत सुरक्षा खतरे भी साथ लेकर आती है। पूर्व इंग्लिश कप्तान केविन पीटरसन के साथ बातचीत में राशिद ने अपनी ज़िंदगी की उस सच्चाई को उजागर किया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
केविन पीटरसन को चौंकाने वाला खुलासा
बातचीत के दौरान जब पीटरसन ने राशिद से पूछा कि क्या वह काबुल की सड़कों पर सामान्य लोगों की तरह घूम सकते हैं, तो जवाब सीधा और चौंकाने वाला था—नहीं। राशिद ने बताया कि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह किसी शौक या रुतबे की बात नहीं, बल्कि जरूरत है। राशिद ने बेहद सामान्य लहजे में यह बात कही, जिससे साफ झलकता है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा चिंताएं उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं।
क्यों बन जाते हैं राशिद खान निशाना?
राशिद खान सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि अफगानिस्तान का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय चेहरा हैं। IPL, BBL और अन्य टी20 लीगों में उनकी कामयाबी ने उन्हें वैश्विक पहचान, आर्थिक सफलता और प्रभाव दिलाया है। लेकिन यही पहचान उन्हें खतरे में भी डालती है। अस्थिर हालात वाले देश में मशहूर चेहरा और कथित संपन्नता किसी को भी आसान निशाना बना सकती है। राशिद जानते हैं कि जरा सी चूक गंभीर परिणाम ला सकती है।
शोहरत है, आज़ादी नहीं
जहां दूसरे देशों के खिलाड़ी बिना सुरक्षा के घूम सकते हैं, वहीं राशिद अपने ही वतन में यह आज़ादी नहीं पा सकते। न बेफिक्र सैर, न अचानक बाहर निकलने की सुविधा। बुलेटप्रूफ कार उनके लिए स्टेटस सिंबल नहीं, बल्कि सुरक्षा कवच है। खास बात यह है कि राशिद की बातों में न शिकायत है, न गुस्सा—बस सच्चाई की स्वीकारोक्ति। यही मानसिक मजबूती उन्हें मैदान के बाहर भी खास बनाती है।
सामाजिक मुद्दों पर बेबाक आवाज
राशिद की सुरक्षा चिंताओं की एक वजह उनका सामाजिक रुख भी है। उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा और अधिकारों पर खुलकर आवाज़ उठाई है। अपने अंतरराष्ट्रीय मंच का इस्तेमाल कर वह सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि अंतरात्मा की आवाज़ बन चुके हैं। हालांकि, ऐसे मुद्दों पर बोलना एक अस्थिर माहौल में जोखिम भी बढ़ाता है, जिससे उनकी सुरक्षा और ज्यादा अहम हो जाती है।
खतरों से निकलकर वैश्विक पहचान तक
राशिद की कहानी और गहरी तब हो जाती है जब उनके बचपन की यादों पर नज़र डालें। एक समय ऐसा भी था जब बाहर निकलकर क्रिकेट खेलना तक सुरक्षित नहीं था। अफगानिस्तान के लिए खेलना किसी सपने से कम नहीं लगता था। आज वही सपना न सिर्फ राशिद की पहचान बना, बल्कि पूरे देश के लिए उम्मीद और गर्व का कारण भी। अफगान क्रिकेट की कामयाबी ने दुनिया को एक नया नजरिया दिया—जहां संघर्ष के बीच भी सपने ज़िंदा रहते हैं।

