अंपायर के गलत फैसले पर बोलीं पीवी सिंधु- ये गलत था, मैं फाइनल खेल सकती थी
punjabkesari.in Sunday, May 01, 2022 - 05:05 PM (IST)
मनीला : भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु की आंखों में तब आंसू आ गए जब उनका जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के बीच में अंपायर के ‘अनुचित' फैसले के कारण लय गड़बड़ाने से एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप (बीएसी) जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। सिंधू पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में जब 14-11 से आगे थी तो उन पर सर्विस करते हुए बहुत अधिक समय लेने के लिए एक अंक की ‘पेनल्टी' लगाई गई।
Shocked by the horrific discussion of the empire @Badminton_Asia where empire has give a fault to @Pvsindhu1 when her opponent is not ready. Sindhu was 1 game up & 14-11 up and was a song to win the Semifinals, with this discussion Yamaguchi's won!! 😡😡@bwfmedia pic.twitter.com/txkdksKeC5
— Pradeep Raju (@kpradeepraju) April 30, 2022
हैदराबाद की इस 26 वर्षीय खिलाड़ी की इसके बाद लय गड़बड़ा गई और आखिर में वह 21-13, 19-21, 16-21 से हार गयी। इस तरह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जो इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक है। सिंधू ने शनिवार को मैच के बाद कहा कि अंपायर ने मुझसे कहा कि आप बहुत समय ले रही हो लेकिन विपक्षी खिलाड़ी उस समय तैयार नहीं थी। लेकिन अंपायर ने अचानक उसे अंक दे दिया और यह वास्तव में अनुचित था। मुझे लगता है कि यह मेरी हार का एक कारण था।
A medal at the end of an excruciating campaign is always special. This could have gone the distance. Looking forward to the next. ✌️🙌🏼#asianchampionships #bronze🥉 pic.twitter.com/fZH7gGO1Mo
— Pvsindhu (@Pvsindhu1) May 1, 2022
उन्होंने कहा कि मेरा कहने का मतलब है मुझे ऐसा लगता है क्योंकि उस समय स्कोर 14-11 था और वह 15-11 हो सकता था लेकिन इसके बजाय यह 14-12 हो गया। इसके बाद उसने लगातार अंक बनाये। मुझे लगता है कि यह बहुत अनुचित था। हो सकता था कि मैं मैच जीत जाती और फाइनल में खेलती। मैंने मुख्य रेफरी से बात की, वह आये और उन्होंने कहा कि फैसला पहले ही हो चुका है। मुख्य रेफरी के रूप में आपको कम से कम यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि गलती क्या थी। उन्हें रीप्ले देखकर इसको लेकर फैसला करना चाहिए था।
सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने कहा कि सिंधु इस फैसले से बेहद निराश है। उसे इस बार स्वर्ण जीतने का भरोसा था और इसलिए वह बहुत निराश है। जब उसने मुझसे बात की तो वह रो रही थी लेकिन मैंने उससे कहा कि जो हो गया उसे भूल जाओ। सिंधू को मुख्य रेफरी के साथ चर्चा करते हुए भी देखा गया। अंपायर ने जो किया वह सही नहीं था, अगर वह देरी कर रही थी तो पहले उसे पीला कार्ड दिखाकर चेतावनी दी जानी चाहिए थी। कम से कम एक अंक से दंडित किए जाने पर उसे लाल कार्ड दिखाते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।
कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधू कांस्य पदक स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि उन्होंने पदक समारोह में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन इस खिलाड़ी ने पदक के साथ तस्वीर ट्वीट करके इन अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया। सिंधू ने ट्वीट किया कि पीड़ादायक अभियान के आखिर में पदक हमेशा विशेष होता है। यह इससे बेहतर हो सकता था। अब निगाह अगली प्रतियोगिता पर है। रमन्ना ने स्पष्ट किया कि पदक वितरण समारोह में उपस्थित नहीं हो पाने के लिए अधिकारियों से अनुमति ली गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है कि वह पदक स्वीकार नहीं करती। उसे स्वदेश के लिए उड़ान पकड़नी थी इसलिए उसने अधिकारियों से अनुमति ली थी।
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