पीवी सिंधु के पिता ने कहा- उसने मुझे उपहार देने का वादा पूरा किया

punjabkesari.in Sunday, Aug 01, 2021 - 08:59 PM (IST)

हैदराबाद : पी वी सिंधू को टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में हारने के बाद थोड़ी ज्यादा प्रेरणा की जरूरत थी और यह भूमिका उनके पिता पी वी रमन्ना ने निभाई जिनका कहना है कि उनकी बेटी ने उनको ‘उपहार' देने की इच्छा को पूरा किया। सिंधू के लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतने के बाद खुशी बयां करते हुए रमन्ना ने यहां कहा कि उन्होंने उससे सिर्फ चीन की बिंग जियाओ के खिलाफ कांस्य पदक प्लेऑफ पर ध्यान लगाने को कहा था कि ‘इसे सिर्फ इस तरह सोचो कि तुम मुझे एक उपहार दे रही हो। 

रमन्ना ने पत्रकारों से कहा कि पहली बात मुझे पार्क (सिंधू के दक्षिण कोरियाई कोच पार्क ताए सांग) का आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने इतनी मेहनत की। भारत सरकार, बाइ (भारतीय बैडमिंटन संघ), उसके समर्थकों, जिसने भी उसे प्रोत्साहित किया, उन सभी का आभार। मैं मीडिया का भी शुक्रगुजार हूं। मौजूदा विश्व चैम्पियन सिंधू रविवार को दो ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय और देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गयी। उन्होंने चीन की बिंग जियाओ पर सीधे गेम में जीत दर्ज कर कांस्य पदक जीता।

रमन्ना ने कहा कि मैं खुश हूं कि वह ओलंपिक में लगातार दो पदक - रजत और कांस्य - जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। इस तरह उसने भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि हालांकि दबाव था, लेकिन मैं खुश हूं कि उसने देश के लिये पदक जीता। आमतौर पर तीसरा या चौथा मैच खेलना दर्दनाक होता है। कल मैंने उसे काफी प्रेरित किया था। यह पूछने पर कि सेमीफाइनल में शनिवार को चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से हारने के बाद उन्होंने रविवार के मैच के लिये अपनी बेटी को क्या संदेश दिया था तो रमन्ना ने कहा कि कल मैंने उसे कहा कि तुमने अपना सर्वश्रेष्ठ किया, अब कोई बात नहीं। अब आज पर ध्यान लगाओ और बस इतना ही सोचो कि तुम मुझे एक भेंट दे रही हो और कोर्ट पर खेलो। इसलिए मैं बहुत खुश हूं।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि हम स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे थे। मैं बहुत खुश हूं। तुमने अच्छा खेला। बस भूल जाओ और यह एक रिकार्ड रहेगा। यह पूछने पर कि शनिवार की हार के बाद उसका मनोबल गिरा हुआ था तो उन्होंने कहा कि नहीं, लेकिन हर कोई रोएगा। उसकी आंखों में आंसू थे। लेकिन अच्छा है कि वह इससे उबर गई और वापसी कर आज पदक जीता। रमन्ना ने कहा कि वह कोर्ट पर काफी आक्रामक थी। मैंने उसे कहा था कि आक्रामक बनी रहना। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली आने की योजना बना रहे हैं क्योंकि सिंधू तीन अगस्त को दिल्ली पहुंचेंगी। ओलंपिक कोई छोटा टूर्नामेंट नहीं है। स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक जीतना बड़ी बात है, पदक तो पदक है। मैं खुश हूं कि उसे पदक मिला, जिसने हमें खुशी दी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Raj chaurasiya

Recommended News

Related News