ओलंपिक से मुक्केबाजी बाहर होने पर उभरते मुक्केबाज दिशाहीन हो जाएंगे : महान मुक्केबाज रॉय जोंस

punjabkesari.in Wednesday, Oct 19, 2022 - 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली : अमरीका के महान मुक्केबाज रॉय जोंस जूनियर को लगता है कि ओलंपिक से मुक्केबाजी के बाहर किए जाने से भारत जैसे देशों में इस खेल में ‘नए सितारे खोजने' की उम्मीद कम हो जाएगी क्योंकि उभरते हुए मुक्केबाजों पास आगे बढ़ने के लिए कोई दिशा नहीं होगी। लास एजिंल्स 2028 ओलंपिक के लिए शुरूआती खेलों की सूची में से मुक्केबाजी को बाहर रखा गया है जो कई देशों के लिए गहरा झटका है और यह फैसला कई संचालन संबंधित मुद्दों के कारण लिया गया है। 

अपनी पीढ़ी के सबसे सफल मुक्केबाजों में से एक जोंस ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अध्यक्ष थॉमस बाक और आईओसी कार्यकारी समिति को एक खुला पत्र लिखा जिसमें उन्होंने उनसे इस महीने के शुरू में मुक्केबाजी को बाहर किए जाने के संबंध में फैसले पर दोबारा विचार का अनुरोध किया। इस पत्र में 1988 ओलंपिक के रजत पदक विजेता ने कहा कि मुक्केबाजी को ओलंपिक से बाहर करना ‘एक अपराध करने' की तरह ही होगा। 

जोंस ने कहा, ‘इतने सारे बच्चे उम्मीद, फोकस और दिशा खो देंगे। जरा देखिए ओलंपिक से कितने मुक्केबाजी सुपरस्टार बने हैं।' भारत में मुक्केबाजी सबसे लोकप्रिय ओलंपिक खेलों में से एक है और छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम, बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह और अमित पंघाल ने देश में इस खेल को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया है। 

उन्होंने कहा, ‘इससे मुक्केबाजों और देशों को नया मुक्केबाजी स्टार मिलने की उम्मीद मिलती है। ओलंपिक में मुक्केबाजी के नहीं होने से, यह उम्मीद कहां से आएगी?' आईओसी द्वारा संचालन संबंधित मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ को लगातार चेतावनी जारी किए जाने से मुक्केबाजी के ओलंपिक में शामिल किए जाने की उम्मीद भी कम ही दिखती है। 


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Content Writer

Sanjeev

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