सचिन ने टोक्यो जाने वाले ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों को पदक जीतने को कहा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 20, 2021 - 09:14 PM (IST)

नई दिल्ली : महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने टोक्यो ओलंपिक के लिए जाने वाली भारत की 26 सदस्यीय ट्रैक एवं फील्ड टीम से अपील की कि वे दबाव का लुत्फ उठाएं और इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दें। तेंदुलकर ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के साथ खिलाड़ियों को ऑनलाइन विदाई दी। वर्चुअल कार्यक्रम में तेंदुलकर ने एथलीटों से कहा कि वे ओलंपिक में पदक जीतने के अपने सपने का बिना रुके पीछा करें। 

तेंदुलकर ने कहा कि काफी लोग कहते हैं कि खेल में हार और जीत होती है लेकिन मेरा संदेश है कि हार आपके विरोधी की हो और आप जीत दर्ज करें। आपको पदक जीतने की कोशिश करनी चाहिए। अपने सपनों का पीछा करना मत छोड़िए और आपका सपना गले में पदक पहनना, राष्ट्रगान का बजना और तिरंगे का लहराना होना चाहिए। ट्रैक एवं फील्ड दल में 46 सदस्य शामिल हैं जिसमें 25 खिलाड़ियों के अलावा 11 कोच, 8 सहयोगी स्टाफ, एक टीम डॉक्टर और एक टीम नेतृत्वकर्ता है। यह दल 23 जुलाई को टोक्यो के लिए रवाना होगा। 

तेंदुलकर ने कहा कि दबाव सभी खेलों में खिलाड़ी का साथी है और यह अहम है कि इसका इस्तेमाल बेहतर प्रदर्शन के लिए किया जाए। आपके बेहतर प्रदर्शन से लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं। यह अच्छी चीज है। मैंने हमेशा दबाव और लोगों की अपेक्षाओं का आनंद उठाया है। आपको इसे सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा। एथलेटिक्स की स्पर्धाओं का आयोजन  30 जुलाई से आठ अगस्त तक किया जाएगा। भारत को भाला फेंक के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से पदक की उम्मीद है। एएफआई की सूची में पहले 26 खिलाड़ियों का नाम था लेकिन पैदल चाल खिलाड़ी गुरप्रीत सिंह का नाम कुछ महीने पहले सौंपी गयी  विस्तृत सूची ( एक्रीडिटेशन के लिए जरूरी)  में नहीं था। इस 50 किमी पैदल चाल के खिलाड़ी के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए एएफआई के आखिरी समय में प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। 

तेंदुलकर ने अपने शानदार क्रिकेट करियर के साथ एथलीटों की समानताएं दिखाते हुए कहा कि जब भारत ने 1983 में विश्व कप जीता था तब मैं छोटा बच्चा था और मैं एक दिन उस ट्रॉफी को उठाना चाहता था। वह दिन 2011 में आया था और तब तक कोई मेजबान देश विश्व कप विजेता नहीं बना था। वह मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण था। आप इससे अधिक हासिल करने की इच्छा नहीं कर सकते। उन्होंने एथलीटों को अपने करियर में बुरे समय का सामना मजबूती से करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि मैंने इसका सामना तब किया था जब मेरी टेनिस एल्बो और कंधे की सर्जरी हुई थी। मैं वापसी करने के लिए मैच खेलना चाहता था और इसके लिए मैं इंग्लैंड गया था। एएफआई के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने भी उम्मीद जताई कि एथलेटिक्स टीम इस बार ओलंपिक पदक जीत सकती है। 
 


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Content Writer

Raj chaurasiya

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