B'day Special : गुंडम्पा विश्वनाथ ईमानदारी दिखाते रह गए लेकिन भारत टेस्ट हार गया
punjabkesari.in Monday, Feb 12, 2018 - 08:26 PM (IST)
जालन्धर (जसमीत सिंह) : भारतीय क्रिकेट में गुंडम्पा विश्वनाथ उन क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने जब भी शतक बनाया, टीम इंडिया ने हार का मुंह नहीं देखा। 91 टेस्ट मैचों में 41.93 की औसत से 6,080 रन बनाने वाले विश्वनाथ को सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज भी अपना फेवरेट प्लेयर मानते थे। बता दें कि विश्वनाथ गावस्कर के जीजा भी हैं। उन्हें भारतीय क्रिकेट में जीजा-साले की जोड़ी के तौर पर जाना जाता था। विश्वनाथ के नाम पर प्रथम श्रेणी डेब्यू में 230 रन बनाने का रिकॉर्ड है। विश्वनाथ को उनकी ईमानदारी के लिए भी जाना जाता है। भारत और इंगलैंड के बीच गोल्डन जुबली टैस्ट मैच में उन्होंने इंगलैंड के बॉब टेलर को यह बोलकर खेलने के लिए वापस बुला लिया था कि वह आऊट नहीं हैं। वहीं, अंपायर टेलर को आऊट करार दे चुके थे। विश्वनाथ ने तो अपनी तरफ से ईमानदारी बरती लेकिन टेलर ने इस मौके को भुनाते हुए इंगलैंड टीम को मैच जीतवा दिया। विश्वनाथ विश्व के उन चार क्रिकेटरों में भी शामिल हैं जिन्होंने अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में 0 तो दूसरी पारी में शतक लगाया था। विश्वनाथ ने यह कारनामा नवंबर 1969 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कानपुर टेस्ट किया था।
विंसडन की 100 सर्वश्रेष्ठ पारियों में एक विश्वनाथ की भी
1974 में वैस्टइंडीज के खिलाफ मद्रास में खेली गई उनकी 97 रन की पारी की आज भी बातें होती हैं। इस मैच में विश्वनाथ ने जिस तरह एंडी रॉबट्र्स जैसे गेंदबाज को खेला, इसने पूरी दुनिया में उन्हें तारीफें बटोरने का काम दिया। एक बात और जो विश्वनाथ को खास बनाती है वह है उनके 14 शतक। उन्होंने जब भी शतक बनाया। टीम इंडिया हारी नहीं। विश्वनाथ को विसंडन की टॉप 100 पारियां खेलने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में भी शामिल किया था। विश्वनाथ आजकल बेंगलुरु में पत्नी कविता और बेटे दैविक के साथ रहते हैं। क्रिकेट से संन्यास के बाद उन्होंने मैच रैफरी की भूमिका भी निभाई। वह बीसीसीआई के चीफ सेलेक्टर और टीम मैनेजर भी रहे। गुंडप्पा विश्वनाथ को 2009 में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट भी अवॉर्ड दिया गया।
सुनील गावस्कर के जीजा हैं विश्वनाथ
वैसे तो गावस्कर विश्वनाथ को रणजी क्रिकेट से ही जानते थे लेकिन दोनों में नजदीकियां आईं वैस्टइंडीज दौरे के दौरान। हुआ ये था कि टीम के जूनियर खिलाड़ी होने के चलते गावस्कर और विश्वनाथ को एक ही कमरा मिला था। दोनों ने उस दौरे में अच्छा प्रदर्शन किया। यहीं से उनकी दोस्ती की शुरुआत हो गई। कहते हैं- दोस्ती के कारण विश्वनाथ का गावस्कर के घर आना-जाना लगा रहता था। इसी दौरान विश्वनाथ को गावस्कार की बहन पसंद आ गई। उन्होंने शादी का प्रस्ताव रखा तो गावस्कर के परिवार वालों ने कहा कि लड़की अभी छोटी हैं। विश्वनाथ बोले- वह उनकी 18 साल तक होने का इंतजार कर लेगा। गावस्कर के परिवार ने भी खुशी-खुशी अपनी बेटी की विश्वनाथ से शादी कर दी। दोनों जब तक खेले, चर्चाओं में जीजा-साले के जोक्स हमेशा बने रहे। 1981 में गावस्कर ने विश्वनाथ से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए कहा था कि विश्वनाथ उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज लगते हैं। इन्हें एक बार मैंने घर बुलाया था। इसका नतीजा यह निकला कि विश्वनाथ ने दूसरे ही दिन मेरी बहन कविता से शादी कर ली।
Here's wishing the legendary #TeamIndia batsman Gundappa Viswanath a very happy birthday pic.twitter.com/kPoOd7ldD9
— BCCI (@BCCI) February 12, 2018
गावस्कर ने तो बेटे का नाम भी विश्वनाथ पर रखा
गावस्कर शुरू से ही विश्वनाथ की बैटिंग के कायल रहे हैं। कई मौकों पर उन्होंने खुद भी इस बात को स्वीकार किया था कि उन्होंने विश्वनाथ से बेहतर क्रिकेटर नहीं देखा। वो जिस तरह गेंदों को आसानी से खेल जाते थे, सरीखे बल्लेबाजों को खेलने में दिक्कत आती थी। उनके पास हर बॉल खेलने का अपना तरीका था। उन्हें स्कवेयर कट लगाने में इतनी महारत थी कि चाहे आंख पर पट्टी बांध दो। बॉल फिर भी स्कवेयर क्षेत्र में ही जाएगी। गावस्कर विश्रनाथ से इस कद्र प्रभावित थे कि उन्होंने अपने बेटे का नाम भी विश्वनाथ से प्रेरित होकर रखा। दरअसल यह नाम गावस्कर के तीन फेवरिट क्रिकेटरों - रोहन कन्हाई, विश्वनाथ और एमएल जयसिम्हा के नामों को मिलाकर (रोहन जयसिमा गावस्कर) बनाया था।
वो दो गम जो कभी भूल नहीं पाए
1974 में हम लॉड्र्स के मैदान में खेल रहे थे। तब पूरी टीम महज 42 रन पर आऊट हो गई थी। वह हमारे लिए अच्छा दिन नहीं था। सबको कुछ इंगलिश क्रिकेटरों के पक्ष में जा रहा था। माहौल, मौसम और विकेट का मिजाज। क्रिस ओल्ड और ज्योफ आर्नोल्ड ने उस दिन खतरनाक गेंदबाजी की थी। इसके अलावा मेरा टैस्ट क्रिकेट छोडऩा बहुत ही दुखदाई पहलू था। तब 1982 के पाकिस्तान टूर के दौरान मेरा प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था। मैंने खुद को निखारने के लिए कुछ समय के लिए ब्रेक लिया। लेकिन फिर कभी टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पाया। उस दिन मैं नहीं जानता था कि मैं टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पाऊंगा।
91 Tests, 6,080 runs at an average of 41.93 with a top score of 222 against England in Chennai in 1982.
— ICC (@ICC) February 12, 2018
Happy 69th Birthday to India great Gundappa Viswanath! pic.twitter.com/8efp6qIfSQ