फ्रांस के पिछड़े इलाके से निकल रहे हैं बड़े फुटबाॅल खिलाड़ी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 10, 2018 - 02:58 PM (IST)

बॉन्डीः फ्रांस की राजधानी पेरिस के उत्तरी क्षेत्र में स्थित उपनगर बॉन्डी को गरीबों और अप्रवासियों के रिहायशी इलाके के रूप में जाना जाता है लेकिन हाल के दिनों में इस क्षेत्र से कई बेहतरीन फुटबाॅलर निकले है। रूस में खेले जा रहे फुटबाॅल विश्व कप में सबसे बेहतरीन खिलाडिय़ों में एक के तौर पर उभरे स्ट्राइकर काइलियान एमबापे भी इसी क्षेत्र से आते है जिनके प्रदर्शन के बूते फ्रांस टूर्नामेंट में सेमीफाइनल तक पहुंच गया है ।           

इस क्षेत्र के सोलह साल के खिलाड़ी एडमा वगुई फुटबाॅल में मिले अपने खिताबों को दिखाते हुए बताता है, ‘‘ यह खिताब मुझे 2016 में ए.एस. बॉन्डी टीम (क्षेत्र की टीम) के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए मिला, यह खिताब विचे अंडर17 टूर्नामेंट में मिला।’’ वगुई के लिए हालांकि सबसे यादगार क्षण वह था जब उसे एमबापे के शॉट को रोकने के लिए गोल पोस्ट के आगे खड़ा किया गया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘ यह मुश्किल था लेकिन कई बार मैं सफल रहा।’’ फ्रांस की 23 सदस्यीय फुटबाल टीम में दो तिहाई खिलाड़ी अरब या अफ्रीकी मूल के है जैसा की 1998 की फ्रांस की विश्व विजेता टीम में भी था। वगुई के सेनगल मूल के पिता ईस्सा ने कहा, ‘‘अब युवाओं को यह कहने में गर्व महसूस होता है कि वे बॉन्डी क्षेत्र से आते है।’’
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ए.एस. बॉन्डी टीम के कोच एंटोनियो रिक्कार्डी ने युवा एमबापे के खेल को याद करते हुए कहा कि वह माराडोना की तरह पांच डिफेंडरों को छका कर गोल कर देता था। रिक्कार्डी ने कहा, ‘‘ इस इलाके से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी इसलिए निकल रहे क्योंकि यहां बच्चे हमेशा फुटबाल खेलते रहते है। फुटबाल उनकी जिंदगी है। वे स्कूल में रहे या घर में हमेशा फुटबाल के साथ रहते है। उन्होंने कहा एमबापे के पिता कैमरून और माता अल्जीरियाई मूल की है। इस क्षेत्र में ऐसे अप्रवासी लोगों की बड़ी जनसंख्या है। कई प्रतिभा गरीबी और भेदभाव से कारण दम तोड देती है लेकिन एमबापे की सफलता ने यहां के बच्चों को नया हौसला दिया है।          


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Rahul

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