IPL 2022 : DRS मामले पर भड़के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी, दिया यह बयान

punjabkesari.in Friday, May 13, 2022 - 05:26 PM (IST)

मुंबई : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 के 59वें मैच की शुरुआत थोड़ी अजीबोगरीब रही। वानखेड़े स्टेडियम में बिजली गुल होने के कारण पहले दो ओवरों में डीआरएस प्रणाली अनुपलब्ध थी। इस अनुपलब्धता को मैच को प्रभावित करने में केवल दो गेंदें लगी। डेनियल सैम्स की गेंद पर पगबाधा करार दिए जाने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के सलामी बल्लेबाज़ डेवोन कॉन्वे को रिव्यू लिए बिना ही पवेलियन लौटना पड़ा। 

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रिप्ले में पता चला कि वह गेंद कोण के साथ अंदर आ रही थी और बाएं हाथ के बल्लेबाज कॉन्वे के लेग स्टंप को मिस करती। हालांकि अंपायर रविकांत रेड्डी के फैसले की दोबारा जांच करने का कोई मौक़ा नहीं था। अगले ओवर में जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी पर एक और फैसला मुंबई के हित में गया जब उनकी गुड लेंथ की गेंद पड़कर सीधी हुई और रॉबिन उथप्पा के पैड पर जा लगी। इस बार अंपायर क्रिस गैफनी ने अपनी उंगली खड़ी कर दी।

रिप्ले ने बताया कि यह एक करीबी मामला होता क्योंकि गेंद उथप्पा के पिछले पैर पर लगी थी और वह भी ऑफ स्टंप के सामने। हालांकि यहां पर भी रिव्यू नहीं होने के कारण उथप्पा को निराश होकर वापस जाना पड़ा। 97 रनों पर सिमटने के बाद चेन्नई को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।

संजय मांजरेकर और पीयूष चावला ने कॉन्वे को आउट देने के फैसले को आईपीएल में खराब अंपायरिंग का ताजा उदाहरण बताया। चावला ने कहा कि वह पहली नज़र में आउट नहीं लगा क्योंकि गेंद जब पैड पर लगी, तब उसे और आगे जाना था और ऐसा प्रतीत हुआ कि वह लेग स्टंप को छोड़कर निकल जाती। हमने इस सीजन में अंपायरिंग के कुछ खराब फैसले देखे हैं और यह उसी का एक नमूना था।

मांजरेकर को लगा कि वह दोनों फैसलों पर रिव्यू का इस्तेमाल किया जा सकता था और उन दो ओवरों में चेन्नई के लिए रिव्यू की अनुपलब्धता ने मैच को मुंबई के तेज गेंदबाजों की तरफ मोड़ दिया। मांजरेकर ने कहा कि अंतररष्ट्रीय क्रिकेट में बात होती है कि सफ़ेद गेंद केवल पहले दो-तीन ओवरों में स्विंग होती है। आज मैंने सातवें-आठवें ओवर में रायली मेरेडिथ को सटीक आउट स्विंग गेंद डालते देखा। बुमराह को नई गेंद के साथ दो ओवर डालते और स्विंग से बल्लेबाज़ों को परेशान करते देख मुझे बहुत मज़ा आया। गेंद हरकत कर रही थी, उच्च कोटि की गेंदबाज़ी हो रही थी और इसमें तकनीकी खराबी ने उनकी मदद की। दो ऐसे फ़ैसले थे जिसपर रिव्यू का उपयोग किया जा सकता था। इसके अलावा उन्हें लगता है कि भारतीय अंपायरों की अंपायरिंग इस सीज़न में चिंताजनक रही है। 

उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि कोरोना महामारी के चलते आप विश्व के अच्छे अंपायरों को बुला नहीं सकते और इस वजह से आपको स्थानीय अंपायरों से काम चलाना पड़ रहा है। डीआरएस 10 मिनट के लिए अनुपलब्ध था और उतने में ही काम बिगड़ किया। ऐसे फैसले देखकर मुझे बहुत दु:ख होता है। इससे पहले भी मैंने देखा था जब गेंद लेग स्टंप से चार-छह इंच बाहर गिरी थी और उसे पगबाधा आउट दिया गया था। यह निराशाजनक है। 


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Raj chaurasiya

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