जिस टीम में कोच पर्दे के पीछे काम करते हैं, वे बेहतर करती हैं, रायुडू ने दिया गौतम गंभीर का उदाहरण
punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2024 - 02:51 PM (IST)
नई दिल्ली : भारत के पूर्व क्रिकेटर अंबाती रायुडू को इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो आईपीएल टीमें अपने खिलाड़ियों को फैसले लेने के लिए सशक्त बनाती हैं, वे उन टीमों की तुलना में अधिक सफल होती हैं जो निर्णय लेने की जिम्मेदारी कोच के हाथों में छोड़ देती हैं। टीम के माहौल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए, इस पर चर्चा में भारत और चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व खिलाड़ी रायुडू ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के मार्गदर्शक (मेंटर) गौतम गंभीर का उदाहरण दिया।
गंभीर जिस तरह से अपने खिलाड़ियों को प्रदर्शन करने की आजादी देते हैं वह रायुडू को पसंद है और उनके अनुसार यह इस सत्र में अब तक दो बार की चैंपियन टीम की सफलता की कुंजी रही है। भारत के लिए 55 एकदिवसीय और छह टी20 खेलने वाले रायुडू ने कहा, ‘अगर कोच पीछे रहते हैं और पर्दे के पीछे काम करते हैं और खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेने देते हैं, खिलाड़ियों को मैदान पर प्रदर्शन करने की आजादी देते हैं, तो ऐसी टीमें ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं और नाइट राइडर्स यही कर रहे हैं।'
गंभीर की कप्तानी में 2012 और 2014 में आईपीएल विजेता केकेआर इस सत्र में प्लेऑफ में प्रवेश करने वाली पहली टीम बन गई है और उसके अभी नौ जीत के साथ 19 अंक हैं। गंभीर इस सत्र में केकेआर के मेंटर के रूप में लौटे और उनकी उपस्थिति को लगभग एक दशक के बाद टीम के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय दिया जा रहा है।
छह बार आईपीएल चैंपियन टीमों का हिस्सा रहे रायुडू ने कहा, ‘गौतम गंभीर सिर्फ उनकी मदद कर रहे हैं और उनका सही दिशा में मार्गदर्शन कर रहे हैं... यदि आप इसे सरल रखते हैं, तो यह आसान है।' भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने टीम की जीत या हार के बावजूद ड्रेसिंग रूम में सकारात्मकता लाने के लिए केकेआर के पूर्व कोच ब्रेंडन मैकुलम की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘जब मैं केकेआर का हिस्सा था, ब्रेंडन वहां थे। शानदार कोच। मैंने अब तक जिन शीर्ष लोगों के साथ काम किया है उनमें से एक। वह उस ड्रेसिंग रूम में बहुत सकारात्मक थे। चाहे आप जीतें या हारें, वह वैसे ही बने रहे।'
हरभजन ने कहा, ‘उस सत्र की शुरुआत में हम लगभग छह-सात मैच हार गए और हम फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गए। मैंने ब्रेंडन मैकुलम में एक भी बदलाव नहीं देखा, जब हम नहीं जीत रहे थे तब भी और जब हम जीत रहे थे तब भी।'