सीओए ने पटेल को फटकार लगाई, फीफा और एएफसी को आश्वासन दिया

punjabkesari.in Sunday, Aug 07, 2022 - 02:56 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) प्रशासकों की समिति (सीओए) ने फुटबॉल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा को आश्वासन दिया है कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) में चीजों को सही करने की राह पर है जबकि उन्होंने राष्ट्रीय संस्था के निलंबन का संदर्भ देने के लिए बाहर किए गए पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को फटकार लगाई।


फीफा महासचिव फातिमा समोरा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के उनके समक्ष दातुक विंडसर जॉन को भेजे पत्र में सीओए के प्रतिनिधि ने कहा कि भारतीय फुटबॉल के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।


सीओए ने प्रतिक्रिया दी है क्योंकि फीफा ने तीसरे पक्ष के ‘प्रभाव’ के कारण एआईएफएफ को निलंबित करने और उससे अक्टूबर में होने वाले महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी का अधिकार छीनने की धमकी थी। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय महासंघ के चुनाव कराने का निर्देश दिया है जिसके कुछ दिन बाद फीफा ने यह धमकी दी।


अपने कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर रहने के लिए उच्चतम न्यायालय ने मई में पटेल को पद से हटा दिया था जिसके बाद उन्होंने फीफा को पत्र लिखकर संभावित निलंबन का मुद्दा उठाया था।


सीओए ने लिखा, ‘‘हमें पता चला है कि महासंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल (जो फीफा परिषद के सदस्य भी हैं) ने 23 मई 2022 को स्वयं को पद से हटाए जाने के बाद फीफा अध्यक्ष को तुरंत पत्र लिखकर सूचित किया था कि निलंबन की संभावना है क्योंकि फीफा और एएफसी न्यायालय के हस्तक्षेप को तीसरे पक्ष की भागीदारी के रूप में मानेगा।’’

पत्र के अनुसार, ‘‘शायद यह सुझाव देना उस व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं होगा जिसने बिना किसी कार्यकाल सीमा या अन्य नियंत्रणों के 16 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय फुटबॉल की अध्यक्षता करने से लाभ उठाया है, कि महासंघ को केवल इसलिए निलंबित कर दिया जाए क्योंकि उसे उस पद से हटा दिया गया है जिस पर उसने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ था।’’

इसमें कहा गया, ‘‘वास्तव में तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप अब होगा यदि सदस्यों की न्यायालय की समयसीमा का सम्मान करने की इच्छा को स्वीकार नहीं किया जाता है।’’

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति को सीओए द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव तेजी से कराने का निर्देश दिया। सीओए अभी एआईएफएफ का संचालन कर रहा है।


भारत को 11 अक्टूबर से अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी करनी है।


चुनाव 28 अगस्त को होने थे और चुनाव प्रक्रिया 13 अगस्त को शुरू होनी थी क्योंकि शीर्ष अदालत ने सीओए द्वारा तैयार की गई समयसीमा को मंजूरी दे दी थी।


फीफा और एएफसी की चिंताओं पर सीओए के प्रतिनिधि ने अपने पत्र में आगे लिखा, ‘‘लोकतांत्रिक संरचना के बारे में आपकी स्थायी चिंता हमारे द्वारा साझा की जाती है और यह एक ऐसा मामला है जिस पर इस देश के सर्वोच्च संस्थान ध्यान दे रहे हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘भारतीय फ़ुटबॉल में विरोधियों का एक छोटा समूह है जो खेल और उसके खिलाड़ियों की कीमत पर खुद की सेवा करना चाहते हैं। हमने अतीत में ऐसी स्थिति का सामना किया है जब इनमें से कुछ ने संस्थानों को गुमराह करने और कमजोर करने और एआईएफएफ के कामकाज को प्रभावित करने की कोशिश की है। कुछ मामलों में शिकायत दर्ज की गई है जो स्पष्ट रूप से उन लोगों के लिए अप्रिय है जो आरोपी हैं।’’

पत्र के अनुसार, ‘‘कृपया निश्चिंत रहें कि भारतीय फुटबॉल के हितों की अच्छी तरह से सेवा की जा रही है और अंडर -17 महिला विश्व कप पूरी तरह से अप्रभावित रहेगा, एक तथ्य जिस पर उच्चतम न्यायालय ने ध्यान दिया है और जिस पर भारत के प्रधान मंत्री द्वारा गारंटी दी गई है।’’

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PTI News Agency

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