BCCI ने टीम इंडिया के टाइटल प्रायोजन के लिए बोलिया आमंत्रित की, ये कम्पियां नहीं कर सकेंगी आवेदन
punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 05:25 PM (IST)

नई दिल्ली : फैंटेसी स्पोर्ट्स की दिग्गज कंपनी ड्रीम 11 के हाथ खींचने के बाद BCCI ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट टीम के टाइटल प्रायोजन अधिकारों के लिए बोलियां आमंत्रित की जिसमें वास्तविक धन गेमिंग और क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाली कंपनियों पर रोक लगाई गई है क्योंकि सरकार ने ऐसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारतीय टीम 9 सितंबर से UAE में शुरू होने वाले एशिया कप में बिना मुख्य प्रायोजक के खेलेगी क्योंकि बोर्ड ने बोली जमा करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर तय की है।
ड्रीम 11 ने हाल ही में 'ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 के प्रचार और विनियमन' के कारण अपने वास्तविक धन वाले गेम बंद कर दिए हैं। अधिनियम में कहा गया है कि ‘कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं की पेशकश, सहायता, उकसाना, प्रेरित, लिप्त या संलग्न नहीं होगा और न ही किसी ऐसे विज्ञापन में शामिल होगा जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यक्ति को कोई भी ऑनलाइन मनी गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करता हो।'
ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल के साथ BCCI का भारतीय क्रिकेट टीम और इंडियन प्रीमियर लीग के लिए 1000 करोड़ रूपए के करीब टाइटल प्रायोजन करार था। BCCI की एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘बोली लगाने वाला जिसमें उसके समूह की कोई भी कंपनी शामिल है उसे भारत में या दुनिया में कहीं भी ऑनलाइन मनी गेमिंग, सट्टेबाजी या जुआ या इसी तरह की सेवाओं में संलग्न नहीं होना चाहिए, भारत में किसी भी व्यक्ति को कोई ऑनलाइन मनी गेमिंग, सट्टेबाजी या जुआ या इसी तरह की सेवाएं प्रदान नहीं करनी चाहिए और भारत में सट्टेबाजी या जुए में संलग्न किसी भी व्यक्ति में कोई निवेश या स्वामित्व हित नहीं होना चाहिए।'
IEOE खरीदने की आखिरी तारीख 12 सितंबर है और बोली के दस्तावेज जमा करने की आखिरी तारीख 16 सितंबर है। इसमें आगे कहा गया, ‘बोली लगाने वाला या उसके समूह की कोई भी कंपनी किसी भी तरह की ऐसी गतिविधि या व्यवसाय में शामिल नहीं होनी चाहिए जिसकी आनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 के तहत अनुमति नहीं है।' इसके अलावा तंबाकू, शराब और ऐसी कोई भी चीज जो सार्वजनिक नैतिकता को ठेस पहुंचाती हो, इसके पात्र नहीं हैं।
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ ब्रांड श्रेणियों को भी ‘ब्लॉक' किया जाएगा क्योंकि BCCI के पास उक्त श्रेणियों में मौजूदा प्रायोजक हैं। इनमें एथलेजर और खेल परिधान निर्माता, बैंक, बैंकिंग और वित्तीय सेवा और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, अल्कोहल रहित ठंडे पेय, पंखे, मिक्सर ग्राइंडर, सुरक्षा ताले और बीमा शामिल हैं। BCCI से फिलहाल इन श्रेणियों के ब्रांड एडिडास, कैंपा कोला, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एसबीआई लाइफ जुड़े हुए हैं।
बोर्ड ने कहा कि एक से अधिक ब्रांड/उत्पाद श्रेणियों में काम करने वाले या उनसे जुड़े बोली लगाने वालों का एक ब्रांड निषिद्ध या ब्लॉक की श्रेणी में आता है तो ऐसी श्रेणियों के संबंध में बोली प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोली लगाने वाले को ‘सरोगेट' ब्रांड के माध्यम से बोलियां लगाने से प्रतिबंधित किया गया है। सरोगेट ब्रांडिंग के मायने किसी अन्य संस्था या व्यक्ति के माध्यम से किसी अन्य संस्था या व्यक्ति की ओर से अप्रत्यक्ष रूप से बोली प्रस्तुत करने के किसी भी प्रयास से है।
इसमें विभिन्न नामों, ब्रांडों, पहचान या लोगो का उपयोग शामिल है लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं है। बोली लगाने की वित्तीय पात्रता के अनुसार, बोली लगाने वाले का पिछले तीन वर्षों का औसत कारोबार कम से कम 300 करोड़ रुपए होना चाहिए या प्रत्येक बोली लगाने वाले की पिछले 3 वर्षों की औसत निवल संपत्ति कम से कम 300 करोड़ रुपए होनी चाहिए। बोर्ड ने कहा कि वह बिना कोई कारण बताए किसी भी स्तर पर IOEI प्रक्रिया को रद्द या संशोधित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
ड्रीम11 ने 2023 से 2026 की अवधि के लिए 44 मिलियन डॉलर (लगभग 358 करोड़ रुपए) में अधिकार हसिल किया था। उन्हें हालांकि अनुबंध में लगभग एक वर्ष शेष रहते इससे अलग होना पड़ा लेकिन इसके लिए उन्हें दंडित किए जाने की संभावना नहीं है। BCCI के एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘BCCI हमारे एक प्रायोजन भागीदार की परेशानी को पूरी तरह समझता है। यह उनकी गलती नहीं है और भुगतान में चूक के अन्य मुद्दों के विपरीत, ड्रीम11 पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। यह एक सरकारी नियम है और इसका पूर्ण अनुपालन आवश्यक है। वर्तमान परिदृश्य में उनका व्यवसाय प्रभावित होगा।'