BCCI vs PCB : चैंपियंस ट्रॉफी 2025 बिल्कुल नहीं होनी चाहिए : राशिद लतीफ
punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 08:19 PM (IST)
खेल डैस्क : पाकिस्तान नेशनल क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी राशिद लतीफ (Rashid Latif) ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions Trophy 2025) पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि यह आयोजन अब बिल्कुल नहीं होना चाहिए क्योंकि पीसीबी (PCB) को वह नहीं मिला जो वह चाहता था। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के लिए एक बड़ा सिरदर्द रही है। टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान के पास है और बीसीसीआई वहां अपनी टीम भेजने को राजी नहीं है। इससे दोनों में झगड़ा बढ़ गया है। भारतीय टीम सुरक्षा कारणों के चलते पाकिस्तान जाने से इंकार कर रही है। इसके चलते टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल पर करवाए जाने की संभावना है। लेकिन अभी भी पाकिस्तान इसको लेकर बिल्कुल स्पष्ट नहीं दिख रहा है।
ऐसी कई रिपोर्टें आई हैं जिनमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को हाइब्रिड मॉडल में खेलने के लिए सहमत हो गया है, लेकिन उन्होंने चार मांगें रखी हैं। बीसीसीआई और आईसीसी उन पर सहमत नहीं हैं और यही कारण है कि कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। तमाम हंगामे के बीच राशिद लतीफ ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को पूरी तरह से खत्म करने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि इससे पहले कि बीसीसीआई ना कहे, पीसीबी को आगे बढ़कर टूर्नामेंट खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा बलि का बकरा बनाया गया है और आईसीसी बीसीसीआई से नहीं लड़ सकती।
एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा- चैंपियंस ट्रॉफी 2025 बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। इससे पहले कि वे खेलने से इनकार करें, आपको मना कर देना चाहिए। कल शाम जो घटनाक्रम आया वह यह था कि हमें हमेशा बलि का बकरा बनाया गया है। ईसीबी, एसीबी और आईसीसी सभी एक जैसे हैं; वे बीसीसीआई से लड़ नहीं सकते। उन्हें पाकिस्तान को पीछे धकेलने का मौका मिल गया है। यह अच्छा है कि हम लड़ रहे हैं, लेकिन डर यह है कि अगर भारत बहिष्कार करता है, तो हम कहां खड़े हैं? कुछ भी करने से पहले इस पर विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी का शैड्यूल जारी करने के लिए आईसीसी की बैठक दो बार स्थगित हो चुकी है क्योंकि यह पता चला है कि बीसीसीआई पीसीबी की मांगों का जवाब नहीं दे रही।