बांग्लदेश टेस्ट से पहले कैफ इस खिलाड़ी से प्रभावित, बोले- उन्होंने सेलेक्टर्स को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया
punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2022 - 12:31 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: भारत और बांग्लादेश की बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच 14 दिसंबर से खेला जाएगा। इस टेस्ट सीरीज में में अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भारतीय टीम में जगह दी गई है। उन्हें इस साल की शुरूआत में खराब फॉर्म की वजह से श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर रखा गया था, लेकिन उन्होंने काउंटी क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्होंने दोबारा भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की की। वहीं टेस्ट टीम में पुजारा के दोबारा जगह बनाने की तारीफ भारत के दिग्गज बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने की है। उन्होंने कहा है कि पुजारा ने युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल कायम की है कि उन्हें टीम से बाहर होने के बाद भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।
कैफ ने कहा कि चयनकर्ताओं ने पुजारा को बाहर कर गलती की और बल्लेबाज ने अपने प्रदर्शन से उन्हें दोबार टीम में शामिल करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा," जिस तरह से पुजारा ने बाहर होने के बाद रन बनाए, उन्होंने वापसी करने के लिए युवा खिलाड़ियों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। वह काउंटी क्रिकेट खेलने गए, उन्होंने चार दिवसीय मैचों और 50 ओवरों के खेल में शतक बनाए, जिससे चयनकर्ताओं को वापस बुलाने के लिए प्रोत्साहन मिला। पुजारा ने चयनकर्ताओं को अपने आगे आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया।"
कैफ ने कहा कि भारतीय टीम को पुजारा जैसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो तेज पिचों के साथ-साथ स्पिन अनुकूल पिचों पर भी बल्लेबाजी कर सकते हों। कैफ ने आगे जोड़ा कि पुजारा जैसी क्षमता के खिलाड़ी के लिए उम्र सिर्फ एक संख्या है।
उन्होंने कहा,"उम्र का क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक कौशल-आधारित खेल है। यह फुटबॉल नहीं है, जहाँ आपको मैच के दौरान लगातार ऊपर-नीचे भागना पड़ता है। वास्तव में, उम्र एक प्लस पॉइंट है। आप अनुभव के साथ सीखते हैं और सुधार करते हैं।" पुजारा, कोहली और रोहित एक प्रमुख उदाहरण हैं। टेस्ट क्रिकेट एक कौशल-आधारित प्रारूप है, आपको कई दिनों तक खेलना होता है और इसके लिए आपको अनुभव की आवश्यकता होती है। आपको ऐसे खिलाड़ियों की आवश्यकता है जो टर्निंग और सीमिंग ट्रैक पर बल्लेबाजी कर सकें, और आपको समय के साथ बेहतर होना होता है और पुजारा इसके एक प्रमुख उदाहरण हैं।"
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